उत्तराखंड

अल्मोड़ा: अब जंगल में रोपे जाएंगे फलदार पेड़, ताकि बंदरों को वहीं पर मिल सके रशीले फल– News18 Hindi

[ad_1]

अल्मोड़ा. अल्मोड़ा जिले के कोसी नदी पुनर्जनन (Kosi River Regeneration) के लिए 2017 से वृक्षारोपण (plantation) शुरू हुआ था. 2017 में एक घंटे में डेढ़ लाख पेड़ों को रोपने का रिकार्ड बनाया गया था. तब से लगातार कोसी नदी के रिर्चाज जोन पर वृक्षा रोपण किया जाता है. इस बार अब उधान विभाग ने दो वन पंचायतों को पहले चरण में फलदार वृक्षों के रुप में विकसित करना शुरू कर दिया है.

जिलाधिकारी नितिन भदौरिया ने बताया कि नगर सहित गांवों में बंदरों के आंतक से किसान परेशान हैं. अब बंदरों को जंगलों में ही फूड मिले, इसके लिए जंगलों में फलदार वृक्षों का रोपण किया जा रहा है. पहले चरण में दो ही गांवों में सर्दियों में पेड़ रोपे जा रहे हैं. बरसातों में भी पेड़ रोपे जायेंगे, जिससे बंदर आबादी की तरफ कम-से-कम आये और किसानों की फसल को नुकसान नहीं हो पाये. उधान अधिकारी टीएन पाण्डेय ने कहा कि कोसी रिचार्ज जोन से लगे घनेली और उडियारी वन पंचायतों में 1 हजार आडू और 1 हजार खुमानी के पेड़ लगाये जा रहे हैं. जिससे बंदरों को भी जंगलों में ही खाने को मिल जायेगा और आबादी की तरफ कम आयेगें.

कोसी नदी में पिछले कुछ सालों से वृक्षारोपण हो रहा है

कोसी नदी में पिछले कुछ सालों से वृक्षारोपण और जल संवर्धन के कार्य चल रहे हैं, जिससे नदियों का जल स्तर बढ़ सके और कोसी नदी के किनारे बसे लोगों को पेयजल व सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिल सके. किसान मोहन सिंह का कहना है कि लोग जंगली जानवर और बंदरों के आतंक से परेशान हैं. अगर बंदरों की नशबंदी या फिर जंगलों में ही कुछ खाने को मिल जाता तो वह घरों तक नहीं आते हैं.



[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *