उत्तराखंड आपदा : ठंड में ग्लेशियर फटना सामान्य घटना नहीं, वैज्ञानिक भी हैरान– News18 Hindi
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वजह तलाशने में जुटे वैज्ञानिक
वैज्ञानिक ग्लेशियर फटने की इस घटना पर हैरान हैं. वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन ज्योलॉजी के वैज्ञानिक डॉ अमित कुमार कहते हैं कि पहली बार कोई ग्लेशियर ठंड में टूटा है. यह उनके लिए अचंभित करने वाली घटना है. कई और वैज्ञानिक इसको लेकर अलग-अलग तर्क दे रहे हैं. कुछ का कहना है कि जमीन के नीचे कटाव के कारण भी ऐसा हो सकता है. वैज्ञानिक इस घटना के बाद इसके कारणों को लेकर जांच करने में जुट गए हैं. वैज्ञानिक मानते हैं यह गर्मियों में होता तो कोई नई बात नहीं थी, लेकिन सर्दियों में ग्लेशियर फटने की घटना ने उन्हें जरूर चौंकाया है. फिलहाल ग्लेशियर फटने की सही वजह स्पष्ट नहीं हो पाई है. इसको लेकर वैज्ञानिकों की टीम अपने स्तर पर कारणों तक पहुंचने की कोशिश में जुट गई है.
धौली नदी में आई बाढ़
ग्लेशियर फटने से धौली नदी में बाढ़ आ गई है. इसके बाद ऋषिगंगा तपोवन हाइड्रो प्रोजेक्ट ध्वस्त होने की खबर आ रही है. नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है. टीएचडीसी ने नदी में पानी का बहाव कम करने के लिए टिहरी बांध से पानी छोड़ना भी बंद कर दिया है.
ऋषिकेश और हरिद्वार में अलर्ट जारी
उत्तराखंड के चमोली में आई आपदा के बाद सरकार राहत और बचाव कार्य में जुट गई है. प्रशासनिक अधिकारी मुश्किल हालात में लोगों की मदद करने के लिए ग्राउंड जीरो पर हरसंभव मदद पहुंचा रहे हैं. कई राज्यों में भी इसके असर को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है. चमोली से लेकर ऋषिकेश और हरिद्वार में अलर्ट जारी किया गया है. चमोली और हरिद्वार में नदी किनारे रहने वाले लोगों को वहां से हटाने का निर्देश दिया गया है.
सरकार ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
ग्लेशियर फटने की घटना के बाद सरकार लोगों की मदद के लिए पूरी तरह जुट गई है. कई टीमों को प्रभावित स्थानों पर भेजा गया है. आईटीबीपी की दो टीमें मौके पर पहुंची हैं. एनडीआरएफ की तीन टीमें देहरादून से रवाना की गई हैं और तीन अतिरिक्त टीमें शाम तक वायुसेना के हेलिकॉप्टर की मदद से वहां पहुंचेंगी. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो आपदा परिचालन केंद्र के नंबर 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें. लोगों की हरसंभव मदद की जाएगी.
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