उत्तराखंड

उत्तराखंड : जंगल की आग के शिकार कर्मचारियों के परिजनों को अब बतौर मुआवजा मिलेंगे 15 लाख रुपये– News18 Hindi

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देहरादून. जंगल की आग के (forest fire) शिकार होनेवाले (victims) कर्मचारियों के परिजनों को अब सरकार 15 लाख का मुआवजा देगी. इससे पहले यह मुआवजा राशि 2.50 लाख रुपये थी. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Chief Minister Trivendra Singh Rawat) ने शुक्रवार को वन मुख्यालय में अग्निसुरक्षा प्रबंधन (Fire safety management) पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान यह घोषणा की. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पुलिस लाइन की तर्ज पर फॉरेस्ट पुलिस लाइन भी बनाई जाएगी, ताकि जंगलों में रहने वाले वनकर्मियों के परिजनों को भी सुविधाएं मिल पाएं.

सैटेलाइट के जरिये रखी जाएगी जंगल की आग पर नजर

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साथ ही यह भी कहा कि अब फॉरेस्ट फायर की जानकारी में तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके लिए देश का पहला इंटिग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाया जाएगा. जिससे सैटेलाइट के जरिये जंगल की आग पर नजर रखी जा सके.

आग रोकने के लिए होंगे एडिशनल पीसीएस रैंक के अधिकारी

वन मुख्यालय में हुई मीटिंग में यह भी तय किया गया की जंगलों को बचाने के लिए कंट्रोल बर्निंग पहाड़ की चोटी से नीचे की ओर की जाएगी. साथ ही जंगल की आग रोकने के लिए एडिशनल पीसीएस रैंक के अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे.

वन कर्मचारियों के आश्रितों को पुलिस के बराबर हक

वन कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तकरीबन ढाई घंटे तक वन मुख्यालय में यह मीटिंग ली, जिसमें काफी लंबे समय से कर्मचारियों की समस्याओं पर समाधान निकालने की मांग की जा रही थी. जिस पर आज सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सहमति देते हुए कई समस्याएं हल भी कर दीं. इसमें वन कर्मचारियों के आश्रितों को पुलिस के बराबर हक देने का मामला भी शामिल है, जिसमें पुलिस लाइन की तरह और लाइन का निर्माण करने को भी सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंजूरी दे दी है.



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