उत्तराखंड में सिर्फ मुख्यमंत्री नहीं बदला, कई मंत्रियों पर भी बदलाव की लटकी तलवार
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त्रिवेंद्र सिंह रावत भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके और चार सरकार मुख्यमंत्री रहने क बाद उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया (फाइल फोटो)
यह कोई जरूरी नहीं है कि त्रिवेन्द्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद जो नया मुख्यमंत्री (Chief Minister) बने वो भी उन लोगों को मंत्री बना दे जिसे उन्होंने बनाया था. जाहिर है मुख्यमंत्री का नाम तय होने के बाद राज्य से लेकर दिल्ली तक राजनीति की अगली गोटी मंत्री पद के लिए ही बिछाई जायेगी
त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 18 मार्च, 2017 को जब मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी तब उनके साथ नौ मंत्रियों ने भी शपथ ली थी. कैबिनेट मंत्री के रूप में प्रकाश पंत, सतपाल महाराज, मदन कौशिक, हरक सिंह रावत, यशपाल आर्या, अरविंद पांडेय और सुबोध उनियाल ने शपथ ली थी. राज्य मंत्री के रूप में धन सिंह रावत और रेखा आर्या ने शपथ ली थी. प्रकाश पंत के निधन के बाद मंत्रियों की संख्या आठ ही बची है.
इन सभी मंत्रियों के उपर भी बदलाव के बादल मंडरा रहे हैं. इनमें से कितने दोबारा मंत्री बनेंगे यह पता नहीं. बहुत संभव है कि कुछ लोगों को पर्मानेंट बदल दिया जाये और उनकी जगह किसी दूसरे विधायक को मंत्री बनाया जाये. स्पष्ट है कि जो भी नया मुख्यमंत्री बनेगा वो अपने हिसाब से अपनी टीम भी बनायेगा. ऐसे में मौजूदा सभी आठ मंत्रियों के दिलों की धड़कन अगले कुछ दिनों के लिए बढ़ी रहेगी. उन्हें तो अब चैन तभी मिल सकेगा जब राजभवन से शपथ लेने के लिए न्योता मिल जायेगा.
बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या 70 है. नियम के मुताबिक राज्य में मुख्यमंत्री को छोड़कर 11 विधायक ही मंत्री बन सकते हैं. चार साल पहले 2017 में जब त्रिवेन्द्र सिंह रावत की सरकार बनी थी तब नौ मंत्रियों ने शपथ ली थी. उसी समय से दो मंत्रियों की जगह खाली चल रही थी. बहुत संभव है कि इस बार पूरे कोटे के 11 मंत्री बनाए जाएं. ऐसे में मंत्रिपरिषद के चेहरे में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. नॉन परफॉर्मर मंत्रियों का जाना तो तय माना जा रहा है.
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