उत्तराखंड

उत्तराखण्ड में लापता मेरठ के सभी 4 लोगों के सकुशल होने की आई सूचना, परिजनों ने बांटी मिठाइयां– News18 Hindi

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मेरठ. उत्तर प्रदेश में मेरठ (Meerut) के रहने वाले रोहित, प्रदीप, बालकराम और अतुल के परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं है. इन सभी के परिजन बीते 2 दिन से लगातार मोबाइल की ओर टकटकी लगाए बैठे हुए थे. दरअसल उत्तराखण्ड में आई प्रलय (Uttarakhand Disaster) के बाद मेरठ के कई परिवारों में भी कोहराम मचा हुआ था. मेरठ के भी चार लोग लापता थे, उनका कोई पता नहीं चल पा रहा था. इस इलाके के लोगों की कई रातें बीत गईं लेकिन वो फोन कॉल नहीं आई जिसका इंतज़ार था. आखिरकार कुछ देर पहले वो फ़ोन कॉल आ गई और चारों के कुशलक्षेम की जानकारी मिली तो परिजन खुशी से झूम उठे. परिजनों का कहना है कि अब उनके अपनों से बात हो गई है. अब चाहे परिजन एक हफ्ते बाद भी आएं तो कोई बात नहीं है.

न्यूज़ 18 पर कुछ देर पहले ही ये लोग उत्तराखण्ड सरकार से गुहार लगा रहे थे कि उन्हें उनके परिजनों के कुशलक्षेम के बारे में जानकारी दी जाए. मेरठ ज़िला मुख्यालय से तकरीबन पन्द्रह किलोमीटर दूर खटकाना पुल के चार मज़दूर बीती चार फरवरी को उत्तराखण्ड के सरायसोटा में मज़दूरी करने गए थे. सात फरवरी को आपदा आने के बाद परिजनों का इनसे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था. सभी के मोबाइल फोन बंद आ रहे थे.

अनहोनी की आशंका में सांसें थमी थीं

अनहोनी का आशंका से परिजनों की सांसे थमी हुई थीं. परिजनों ने बताया कि उन्होंने जोशीमठ से जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर पर भी संपर्क किया था लेकिन वहां से भी कोई विशेष जानकारी नहीं मिल पा रही थी.

मेरठ के रहने वाले 23 वर्ष के रोहित निवासी आजाद नगर खटकाना पुल थाना, मवाना रोड लालकुर्ती. आज़ादनगर के रहने वाले चौबीस साल के बालकराम, खटकाना पुल के ही रहने वाले पच्चीस साल के प्रदीप और आज़ादनगर के रहने वाले इक्कीस वर्ष के अतुल का कोई पता नहीं चल पा रहा था. इन सभी के परिजनों बस रह रहकर हेल्पलाइन नम्बर पर फोन कर रहे थे. लेकिन यहां से उन्हें सिर्फ एक ही जवाब मिलता था कि जब जानकारी मिल जाएगी सूचित किया जाएगा. बेहद ही गरीब परिवारों से ताल्लुक रखने वाले ये चारों युवक बीते दिनों मोबाइल टावर का कार्य करने के लिए उत्तराखण्ड रवाना हुए थे.

एक साथ कुछ दिन पहले ही लौटा था

मेरठ के कसेरूखेड़ा के रहने वाले सौरभ प्रजापति भी बीते दिनों यहां गए थे. लेकिन किसी वजह से वो वापस लौट आए थे. सौरभ ने बताया कि चमोली के सरायसोटा क्षेत्र में टावर लगाने का काम करने के लिए मेरठ के चार लोग गए थे. जबकि अमरोहा के रहने वाले चार लोग भी इसी कार्य के लिए रवाना हुए थे.



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