उत्तराखंड में उपनल के 2 लाख कर्मचारियों की नहीं जाएगी नौकरी, तीरथ सरकार ने पलटा त्रिवेंद्र सरकार का एक और फैसला
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उत्तराखंड की तीरथ सिंह रावत की सरकार ने पूर्ववर्ती त्रिवेंद्र सरकार का एक और फैसला पलटते हुए दो लाख से ज्यादा कर्मचारियों को राहत दी है.
Uttarakhand News: तीरथ सिंह रावत की सरकार एक-एक कर त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के फैसले पलट रही है. गुरुवार को इसी क्रम में तीरथ सरकार ने उत्तराखंड के उपनल विभाग के दो लाख कर्मचारियों की नौकरी पर लटक रही तलवार को हटा दिया है.
सहकारिता बैंक की भर्ती प्रक्रिया कैंसिल की
बीजेपी सरकार में मंत्री स्वामी यतिश्वरानंद को लगातार इस बात को उठा रहे थे सहकारिता बैंक की भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी चल रही है , ऐसे में उन्होने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मामले में शिकायत की थी मगर तब त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस पर संज्ञान न लेते हुए परीक्षा प्रक्रिया जारी रखी मगर अब निजाम बदला है तो फैसले भी बदलने लगे है और मंगलवार को आनन फानन में सहकारिता बैंक की इन परीक्षाओं को कैन्सिल कर दिया गया.
कुंभ के लिए कोविड-19 की निगटिव रिपोर्ट लाना जरूरी नहींसबसे बड़ा फैसला हरिद्वार कुंभ से जुड़ा था. एक अप्रैल से कुंभ मेले की विधिवत शुरुआत होगी. पिछली सरकार ने कोविड-19 के मद्देनजर यात्रियों के लिए यह जरूरी किया था कि वे कोविड-19 की निगटिव रिपोर्ट के साथ आएं. साथ ही हरिद्वार में यात्रियों की सीमित संख्या को लेकर भी निर्देश जारी हए थे. मुख्यमंत्री तीरथ ने एक ही झटके में इन निर्देशों से किनारा किया है. इससे सीएम तीरथ की छवि साधु समाज में एक हीरो की मानिंद बनी है. वहीं दूसरी तरफ कुंभ में डुबकी लगाने का प्लान कर रहे लाखों तीर्थ यात्रियों में भी उम्मीद जगी है.
केस वापस लिए
इसके अलावा, कोविड के दौरान नियमों का पालन ना करने के आरोप में जिन लोगों पर पिछली सरकार ने मुकदमे लगाए थे. उनको भी तीरथ रावत ने वापस लेने की घोषणा की है. इस दूसरे फैसले से कई लोग जो मुकदमे और कोर्ट, कचहरी की वजह से परेशान थे. वह खुश है और इस फैसले ने आम लोगों में तीरथ की उम्मीदें बढ़ाई हैं.
देवस्थानम बोर्ड से जुड़े मसले पर भी तीरथ नरम
उत्तराखंड में सबसे विवादास्पद देवस्थानम बोर्ड से जुड़े मसले पर भी तीरथ सिंह रावत नरम हुए हैं. उन्होंने साफ कहा है कि बद्रीनाथ-केदारनाथ-यमुनोत्री और गंगोत्री समेत जो मंदिर हैं, उन पर जो सालों से व्यवस्था चली आ रही थी, इस साल भी बरकरार रहेगी. सीएम ने साफ किया है कि वह देवस्थानम बोर्ड के मसले को उलझाए नहीं रखना चाहते.
गैरसैंण कमिश्नरी पर भी लोगों की नाराजगी दूर करने की कोशिश
त्रिवेंद्र सिंह रावत गैरसैंण कमिश्नरी बनाने का जो ऐलान कर गए थे. उसके बाद उपजी नाराजगी को भी नए सीएम ने दूर करने की कोशिश की है. उन्होंने ऐलान किया है कि वह इस मुद्दे पर जन भावनाओं के साथ हैं. एक और मजेदार तथ्य यह है कि पिछले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जहां नौकरशाहों पर बहुत विश्वास करते थे वही तीरथ सिंह रावत ने साफ किया है कि वह नौकरशाहों से ज्यादा अपने जनप्रतिनिधियों को तवज्जो देना चाहेंगे. इस बात से उन्होंने ब्यूरोक्रेसी को संदेश देने की कोशिश की है. वही अपने पार्टी कैडर को भी खुश किया है. इन सारी बातों के पीछे चुनावी राजनीति है.
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