उत्तराखंड

चमोली ग्लेशियर हादसा: NDRF के साथ ITBP और सेना ने संभाला मोर्चा, 48 घंटे तक ऑपरेशन की जरूरत– News18 Hindi

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नई दिल्ली. उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में रविवार को हिमखंड के टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक आई विकराल बाढ़ के बाद गढ़वाल क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है. वहीं राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) के डीजी ने बताया कि ग्लेशियर फटने की रिपोर्ट आने के तुरंत बाद ही देहरादून से हमारी टीम रवाना हो गई. उन्होंने कहा, “जोशीमठ में ऋषि गंगा पर जो डैम है और उसके नीचे एक और डैम है जिस पर ज्यादा खतरा था. पानी के अधिक बहाव और ग्लेशियर टूटने की सूचना मिली. जोशीमठ में जो आईटीबीपी और एसडीआरएफ की जो टीम है वो काम पर लग चुकी है सेना का एक दल भी काम पर लग चुका है.”

हालांकि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि नदी के बहाव में कमी आई है जो राहत की बात है और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है. रावत ने ट्वीट किया, “राहत की खबर ये है कि नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा नदी का बहाव सामान्य हो गया है. नदी का जलस्तर सामान्य से अब एक मीटर ऊपर है

लेकिन बहाव कम होता जा रहा है. राज्य के मुख्य सचिव, आपदा सचिव, पुलिस अधिकारी एवं मेरी समस्त टीम आपदा कंट्रोल रूम में स्थिति पर लगातार नज़र रख रही है.”

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वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात कर उन्हें हरसंभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया. शाह ने कहा, “पीड़ित लोगों के राहत, बचाव के लिए एनडीआरएफ बलों को तैनात किया गया है, अतिरिक्त बचावकर्ताओं को विमान के जरिए दिल्ली से उत्तराखंड ले जाया जा रहा है.” उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार उत्तराखंड में हालात पर लगातार नजर रख रही है.

एनडीआरएफ के डीजी के बयान की अहम बातें:

* अभी तक पांच एनडीआरएफ की टीम भेजने का आदेश दिया गया है जिनमें से 3 एयरलिफ्ट हो चुकी हैं.

* गृह मंत्री की तरफ से दिशा निर्देश है कि युद्ध स्तर पर काम किया जाए हर संभव मदद देने का आदेश है और जब तक मदद की जरूरत होगी तब तक हम लोग मदद देंगे.

* खतरा पानी के बहाव से है, उसी के मद्देनजर जो अगल-बगल गांव है और जो बसावट है उसको स्थानीय प्रशासन द्वारा खाली कराए जा रहे हैं. हो सकता है कुछ लोग लापता हो उन्हें ढूंढना होगा, तो एनडीआरएफ की टीम तमाम चीजों से सुसज्जित होकर जा रही हैं.

* लोगों के हताहत होने की जो भी संख्या है वह एक आकलन है क्योंकि अभी लगातार घटनाक्रम चल रहा है इसलिए वास्तविक आंकड़ा बताना मुश्किल है.

* चमोली में पानी का बहाव ऊंचा है कई मीटर ऊंचा रहने की बात कही गई है, पानी का बहाव नीचे की तरफ हो चुका है जो नुकसान होना होगा वह हो चुका होगा, लेकिन पानी के बहाव से बचा जा सके वह काम किया जा रहा है ताकि लोगों को हटाया जा सके.

* हमारी टीम जो जा रही हैं वह स्थानीय टीमों के साथ जुड़कर काम करेंगी और अगले 24 से 48 घंटे तक ऑपरेशन को अंजाम देने की जरूरत होगी.

* एहतियात के तौर पर हरिद्वार तक कार्रवाई करने की जरूरत है.

नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क से निकलने वाली ऋषिगंगा के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में टूटे हिमखंड से आई बाढ़ के कारण धौलगंगा घाटी और अलकनन्दा घाटी में नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया जिससे ऋषिगंगा और धौली गंगा के संगम पर बसे रैणी गांव के समीप स्थित एक निजी कम्पनी की ऋषिगंगा बिजली परियोजना को भारी नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा, धौली गंगा के किनारे बाढ़ के वेग के कारण जबरदस्त भूकटाव हो रहा है.

चमोली के जिला प्रशासन की ओर से अलकनन्दा नदी के किनारे रह रहे लोगों के लिए अलर्ट जारी किया गया है. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार प्रातः अचानक जोर की आवाज के साथ धौली गंगा का जलस्तर बढ़ता दिखा. पानी तूफान के आकार में आगे बढ़ रहा था और वह अपने रास्ते में आने वाली सभी चीजों को अपने साथ बहाकर ले गया. चमोली के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि मौके पर प्रशासन का दल पहुंच गया है और नुकसान का जायजा लिया जा रहा है.

रैणी से लेकर श्रीनगर तक अलकनन्दा के किनारे रह रहे लोगों के लिए चेतावनी जारी कर दी गई है. रैणी में सीमा को जोड़ने वाला मुख्य मोटर मार्ग भी इस बाढ़ की चपेट में आकर बह गया है. दूसरी ओर रैणी से जोशीमठ के बीच धौली गंगा पर नेशनल थर्मल पॉवर कॉरपोरेशन की तपोवन विष्णुगाड़ जलविद्युत परियोजना के बैराज स्थल के आसपास के इलाके में भी कुछ आवासीय भवन बाढ़ की चपेट में आकर बह गए हैं.



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