उत्तराखंड

दिल्‍ली-NCR सहित इन दो राज्‍यों  में नहीं होगा कल किसानों का चक्‍का जाम

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छह फरवरी को किसान देशभर में चक्‍का जाम करने जा रहे हैं.

छह फरवरी को किसान देशभर में चक्‍का जाम करने जा रहे हैं.

छह फरवरी को आंदोलन कर रहे किसान पूरे देश में तीन घंटे के लिए चक्‍का जाम करने जा रहे हैं हालांकि किसानों की ओर से इस चक्‍का जाम से दिल्‍ली एनसीआर सहित दो राज्‍यों को छूट दी गई है.


  • News18Hindi

  • Last Updated:
    February 5, 2021, 5:09 PM IST

नई दिल्‍ली. तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे समय से आंदोलन कर रहे किसान कल छह फरवरी को पूरे देश में चक्‍का जाम करने जा रहे हैं. हालांकि इस चक्‍का जाम (Chakka Jam) से दिल्‍ली एनसीआर सहित दो राज्‍यों को छूट दी गई है. संयुक्‍त किसान मोर्चा के अंतर्गत होने वाले इस चक्‍का जाम को लेकर भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisaan Union) के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) का कहना है कि खेती संबंधी कामों और परिस्थितियों को देखते हुए उत्‍तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और उत्‍तराखंड (Uttarakhand) राज्‍य में चक्‍का जाम नहीं किया जाएगा.

टिकैत की ओर से कहा गया है कि छह फरवरी को इन दोनों राज्‍यों में भारतीय किसान यूनियन की ओर से जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी को ज्ञापन दिया जाएगा. जबकि देश के बाकी राज्‍यों में चक्‍का जाम होगा. उन्‍होंने बताया कि छह फरवरी को दोपहर 12 से तीन बजे तक चक्‍का जाम होगा. इस दौरान प्रमुख सड़कों पर कोई गाड़ी नहीं चलने दी जाएगी. हालांकि उस दौरान आने वाले गाड़ीवालों के लिए लंगर की व्‍यवस्‍था होगी और उन्‍हें बताया जाएगा कि सरकार उनके साथ क्‍या कर रही है.

भाकियू (BKU) की ओर से बताया गया कि देश के सभी नेशनल और स्‍टेट हाइवे जाम रहेंगे. इस चक्‍का जाम के पीछे प्रमुख वजह है. 26 जनवरी के बाद से किसानों के कई ट्रैक्टरों, वाहनों को जब्त किया गया है. कई किसान गायब हैं. दिल्‍ली बॉर्डर के आसपास की जगहों को पूरी तरह ब्लॉक किया जा रहा है. धरनास्थलों के आसपास की बिजली को काट दिया जा रहा है. वहीं पानी की आपूर्ति और इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है. इसके विरोध में यह चक्‍का जाम होगा.

वहीं भारतीय किसान यूनियन (दोआबा) के अध्यक्ष मंजीत सिंह राय का कहना है कि इस चक्‍का जाम को करके किसान ये दिखाना चाहते हैं कि वे एकजुट हैं. उन्‍हें  कोई नहीं तोड़ सकता. इतना ही नहीं पूरा देश किसानों के साथ है. किसानों को सरकार को अपनी ताकत दिखानी है. इसकी शुरुआत सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर बैठे संयुक्त किसान मोर्चा के नेता करेंगे और दोपहर तीन बजे सभी एक साथ एक मिनट के लिए अपनी गाड़‍ियों के हॉर्न बजाएंगे.






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