नैनीताल: 7 लोगों ने डाली 6000 की डकैती, 857 रुपये की हिस्सेदारी में हाईकोर्ट से लेनी पड़ी जमानत
[ad_1]

हाईकोर्ट में जमानत के लिए पहुंचे एक आरोपी घनश्याम ने कोर्ट में बताया कि अर्चित सिंघानियां से उनके साथी राजेन्द्र का कारोबारी लेनदेन था.
दुकान से गुटखा खरीदने को लेकर हुए विवाद में हल्द्वानी के कारोबारी ने 7 लोगों के खिलाफ 6000 रुपये और आधार कार्ड लूटने की शिकायत की थी. निचली अदालत से जमानत न मिलने के बाद हाईकोर्ट में पहुंचा मामला.
FIR में अर्चित ने कहा था कि कुछ लोग मेरी दुकान में आए और रजनीगंधा देने की मांग करने लगे. दुकानदार ने कहा कि ये थोक दुकान है यहां गुटका नहीं मिलता, जिसके बाद कुछ लोगों ने जबरन आधार कार्ड और 6000 रुपए लूट लिए. इस शिकायती पत्र पर कोतवाली पुलिस ने डकैती समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया. इसके अगले ही दिन पुलिस ने सभी 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और उनसे 5000 रुपये की बरामदगी दिखाई.
हाईकोर्ट से लेनी पड़ी जमानत
2019 से जेल में बंद इन डकैतों को जमानत के लिए हाईकोर्ट आना पड़ा. साल 2020 में निचली अदालत ने सभी की जमानत याचिका खारिज कर दी. इसके बाद ब्रजेश कुमार, घनश्याम, राम अवतार और कल्लू ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में माना कि इन डकैतों से कोई रिकवरी नहीं हुई. सिर्फ वाहन में बैठे होने से इनको अपराधी नहीं माना जा सकता. ऐसे में कोर्ट ने 4 आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया.लेन-देन का भी मामला
हाईकोर्ट में जमानत के लिए पहुंचे एक आरोपी घनश्याम ने कोर्ट में बताया कि अर्चित सिंघानिया से उनके साथी राजेन्द्र का कारोबारी लेन-देन था. लेकिन जब वो अपना पैसा लेने उसके पास गया तो अर्चित सिंघानिया ने झूठा मुकदमा दर्ज करवा दिया. साथ ही उनकी गाड़ी का नम्बर पुलिस को दे दिया जिस पर अगले दिन पुलिस ने सभी लोगों को गिरफ्तार कर लिया. हाईकोर्ट में इस केस की सुनवाई करने वाले आरोपियों के वकील दुष्यंत मैनाली कहते हैं कि जो मुकदमा दर्ज कराया है, वो फिल्मी कहानी सरीखा प्रतीत होता है. इतने बड़े प्रतिष्ठान से दिनदहाड़े गाड़ी में जाकर जगह-जगह सीसीटीवी की मौजूदगी के बावजूद मात्र 6000 की लूट का आरोप हास्यास्पद है. जबकि आरोपियों में से एक का कारोबारी से लेनदेन का पुराना मामला है.
[ad_2]
Source link