उत्तराखंड

मशीन के शोर में दब गई मौत की आहट, देखते ही देखते लोगों को बहाकर ले गया सैलाब– News18 Hindi

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चमोली. चमोली (Chamoli) की आपदा (Disaster) में 22 से अधिक लोगों की भले ही जान चली गई और 200 से ज्यादा लोग लापता हैं, लेकिन इस बीच में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने मौत (Death) को मात दे दिया है. आज हम आपको ऐसे लोगों की आंखों देखी कहानी बताने जा रहे हैं.

चमोली के लामबगड़ निवासी विक्रम चौहान एक ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने मौत को मात दी है. विक्रम चौहन एख जेसीबी ऑपरेटर हैं. हादसे के वक्त विक्रम एनटीपीसी की तपोवन साइट पर काम कर रहे थे. चमोली में विक्रम ने जो मंजर देखा उसके बारे में वह बता रहे हैं.

विक्रम ने बताया कि जब सैलाब आया तो वो पोकलैंड के जरिए ट्रक को लोड कर रहे थे, और नीचे की साइट पर और भी बहुत से मजदूर काम कर रहे थे. जिनमें किसी को भी बचने का मौका नहीं मिला. विक्रम ने बताया कि ट्रक में मौजूद ड्राइवर ट्रक के साथ ही बह गया. अचानक आए इस सैलाब की आवाज मशीनों के शोर में किसी को भी सुनाई नहीं दी. इस सैलाब में विक्रम भी बहे, लेकिन कुछ दूर तक बहने के बाद पानी ने उनको किनारे लगा दिया. यहां एक पेड़ को पकड़कर विक्रम खुद को सैलाब में बहने से बचाने में कामयाब रहे.

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बाद में मौके पर पहुंची रेसक्यू टीमों ने घायल विक्रम को रेस्क्यू कर बचा लिया. उसके कान, मुंह में रेत भर गई थी. बस इत्मीनान इतना था कि वो जिंदा था. विक्रम को तत्काल 15 किलोमीटर दूर जोशीमठ स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां से गोपेश्वर और फिर सोमवार रात देहरादून लाकर दून हॉस्पिटल में उसे भर्ती कराया गया है. विक्रम की हालत में सुधार है, लेकिन आपदा के इस भयावह मंजर से गुजरने के बाद वह अभी भी सदमे में है. दून हॉस्पिटल के डॉक्टर एनएस खत्री ने कहा कि विक्रम को अंदरूनी चोटें हो सकती हैं. इसलिए उसके सभी जरूरी चेकअप कराए जा रहे हैं.



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