सल्ट विधानसभा उपचुनाव: तीरथ सिंह रावत के सामने पहली परीक्षा, कांग्रेस में भी हलचल तेज
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सल्ट उपचुनाव को लेकर बीजेपी में मंथन शुरू. (File)
Salt Assembly By poll: तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) और संगठन में प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक दोनों को लिए ये उपचुनाव चैलेंज से कम नहीं होगा. वहीं, कांग्रेस ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है.
लिहाजा, सल्ट विधानसभा सीट पर अब उप चुनाव होने जा रहा है. ठीक एक महीने बाद 17 अप्रैल को वोटिंग होनी है और यही बीजेपी के लिए बड़ा चैलेंज बन गया है. सरकार में तीरथ सिंह रावत और संगठन में प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, दोनों नव नियुक्त मुखियाओं के लिए ये उपचुनाव एक ऐसी परीक्षा होगा, जिसमें किंतु-परंतु के लिए भी कोई स्पेस नहीं बचता. उन्हें हर हाल में पास होना ही होगा.
बीजेपी में मंथन शुरू
इसलिए बीजेपी में मंथन शुरू हो गया है. बीजेपी ने अपने तीन सीनियर लीडर यशपाल आर्य, सुरेश भट्ट, धन सिंह रावत को सल्ट की चुनावी रणनीति बनाने में लगा दिया है. ये कमेटी कैंडिडेट से लेकर जीत तक का रोड मैप बनाकर देगी. इसके अलावा सल्ट में बूथ लेवल कमेटियों को सक्रिय कर दिया गया है. प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का कहना है कि शीघ्र ही मुख्यमंत्री के साथ वे भी सल्ट का दौरा करेंगे.ये भी पढ़ें: GNCTD संशोधन बिल पर सियासी उबाल, कांग्रेस ने सीएम केजरीवाल से पूछा ‘चुप्पी’ का कारण
इधर, कांग्रेस का दावा है कि सल्ट उपचुनाव में पार्टी की जीत निश्चित है. पिछले चार साल में महंगाई और बेरोजगारी बेतहाशा बढ़ी है. इससे जनता परेशान है. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि सल्ट में तैयारियों के लिए पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष आर्येंद्र शर्मा को आबर्ज्वर बनाकर भेजा गया है. कांग्रेस में 2017 में तीन हजार वोटों के अंतर से जीत से दूर रह गई गंगा पंचोली भी दावेदार हैं तो पूर्व विधायक रणजीत रावत के बेटे विक्रम रावत भी टिकट की दौड़ में हैं. बहरहाल, महीने भर दूर खड़ा सल्ट का उपचुनाव कांग्रेस से ज्यादा बीजेपी के लिए चैलेंजिंग हो सकता है. सियासी बदलाव के बीच नए मुख्यमंत्री, नए प्रदेश अध्यक्ष और 56 विधायकों की सरकार परिणाम उसके अनुरूप ही हो, ये मनौवैज्ञानिक दबाव बीजेपी पर अंत तक बना रहेगा.
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