उत्तराखंड

उत्तराखंड का खास ‘खस्सी वर्ल्ड कप’, जहां एक बकरे और सम्मान के लिए भिड़ती हैं टीमें

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टीम की तरफ से मिली फीस का इस्तेमाल बकरी खरीदने और मैच आयोजित करने के लिए किया जाता है, जिसकी कीमत 8 हजार रुपए होती है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Reuters)

टीम की तरफ से मिली फीस का इस्तेमाल बकरी खरीदने और मैच आयोजित करने के लिए किया जाता है, जिसकी कीमत 8 हजार रुपए होती है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Reuters)

Khassi World Cup: पांच साल पहले इस खेल को खाटीगांव प्रीमियर लीग (Khatigaon Premier League) कहा जाता था. बाद में इसे खस्सी वर्ल्ड कप के तौर पर पहचान मिली. इस टूर्नामेंट में शामिल होने के लिए टीम को 2200 रुपये खर्च करने होते हैं.


  • News18Hindi

  • Last Updated:
    February 21, 2021, 12:08 PM IST

पिथौरागढ़. वर्ल्ड कप (World Cup) का नजारा तो हर खेल प्रेमी ने देखा ही होगा, लेकिन उत्तराखंड में क्रिकेट (Cricket) प्रेमियों ने अपना एक खास रिवाज बरकरार रखा है. यहां क्रिकेट टूर्नामेंट तो होता है, लेकिन दांव पर कप या रकम नहीं होती. यहां जीतने वाले के हिस्से में एक बकरा (Khassi Goat) और सम्मान आता है. हालांकि, समय के साथ इस स्थानीय ‘वर्ल्ड कप’ को भी बुरे दौर का सामना करना पड़ा था. अब स्थिति बदल रही है. क्षेत्र में फिर इस टूर्नामेंट (Tournament) की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है.

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, इस टूर्नामेंट को स्थानीय लोग खस्सी कप कहते हैं. करीब एक पखवाड़े तक चलने वाला यह इतना साधारण क्रिकेट टूर्नामेंट है, जहां आपको गली क्रिकेट का एहसास होगा. एक छक्का मारने पर कई बार गेंद भी खो जाती है. इसके बाद खिलाड़ियों के साथ दर्शक भी इसे खोजने में लग जाते हैं.

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एक उपाय ने खेल भावना को फिर जगायाइवेंट के आयोजक चंद्र शेखर कापरी कहते हैं कि इस खेल में जीतने वाले को खस्सी बकरी और सम्मान मिलता है. एक ऐसा दौर भी आया जब गांव के युवा बाहर निकलने लगे थे और यहां खिलाड़ियों और दर्शकों की कमी हो गई थी. ऐसे में पांच साल पहले खाटीगांव प्रीमियर लीग कहा जाने वाला टूर्नामेंट खस्सी कप में तब्दील हो गया. यह उपाय काम भी आया. जल्द ही गांव को लोगों ने टर्नामेंट के लिए रजिस्ट्रेशन कराना शुरू कर दिया. खास बात है कि इस खेल में शामिल होने के लिए एक टीम को 2200 रुपए की एंट्री फीस देनी होती है. टूर्नामेंट के आयोजक अनुराग पुनेठा बताते हैं ‘बकरी लोगों को प्रोत्साहित करती है.’

टीम की तरफ से मिली फीस का इस्तेमाल बकरी खरीदने और मैच आयोजित करने के लिए किया जाता है, जिसकी कीमत 8 हजार रुपए होती है. कई बार स्थानीय नेता और सरकारी अधिकारी टीमों को स्पॉन्सर कर देते हैं. इस खेल के नियम भी बड़े दिलचस्प हैं. एक ओवर में पांच छक्के मारने वाले को 1 हजार रुपए, पांच चौके मारने वाले को 500 और हैट्रिक लेने वाले को 200 रुपए का इनाम मिलता है. कापरी ने बताया कि इस बार खस्सी कप 21 नवंबर को आयोजित होगा.






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