उत्तराखंड

कितनी कारगर है बाबा रामदेव की नई कोरोनिल दवा– News18 Hindi

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बाबा रामदेव ने दिल्ली में केद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी की मौजूदगी कोरोना उपचार की नई दवा लांच की है. दरअसल पतंजलि की इस दवा को अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने इम्युनिटी बुस्टर से बदलकर कोरोना के लिए लाभकारी दवा का लाइसेंस दिया है. अबकी बार दवा के साथ दावा किया गया कि इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन का सर्टिफिकेट मिला है. जहां जहां इसका टेस्ट किया गया, वहां ये काफी असरदार रही है.

आयुष मंत्रालय ने कोरोनिल टैबलेट को कोरोना की दवा के तौर पर स्वीकार कर लिया है. पतंजलि का कहना है कि नई कोरोनिल दवा CoPP-WHO GMP सर्टिफाइड है. पहले कोरोनिल दवा को पिछले साल इम्युनिटी बुस्टर के तौर पर बाजार में उतारा गया था लेकिन आमतौर पर इसका इस्तेमाल कोरोना के उपचार की दवा के तौर पर ही हुआ. अब ये कोरोना लाभकारी दवा के तौर पर लांच किया गया है.

रामदेव ने दावा किया कि अब सारे सर्टिफिकेशन के साथ हमारे पास 250 से अधिक रिसर्च पेपर है, अकेले कोरोना के ऊपर 25 रिसर्च पेपर है. उन्होंने ये भी दावा किया कि उनके पास जो रिजल्ट्स आए हैं. साथ ही आयुष मंत्रालय ने जो स्टडी की है, उसके अनुसार कोरोना प्रभावित 70 फीसदी लोगों पर ये तीन दिनों में लाभकारी साबित हुई है.

सवाल – रामदेव की कोरोना की नई दवा का नाम क्या है
– ये दवा कोरोनिल ही है, जो तीन दवाओं की किट के तौर पर है. इसमें कोरोनिल टैबलेट, श्वासारी वटी टैबलेट और अणु तेल है. तीनों के सेवन से कोरोना 03 दिनों से लेकर 07 दिनों के भीतर ठीक होने का दावा किया गया है.

इन दवाओं के जरिए क्या होता है

– ये दावा किया गया कि प्री क्लिनिकल रिसर्च और बाद में हुए परीक्षणों के जरिए ये साबित हुआ है कि ये दवा कोरोना रोगी के श्वसन तंत्र को मजबूत करके रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ चिकित्सा में वैज्ञानिक तौर पर अहम भूमिका निभाती है.

ये औषधियां मनुष्य के फेफड़ों से लेकर पूरे शरीर की इम्युनिटी को प्रभावी तौर पर बूस्ट करती हैं. कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ती हैं.

ये काम ये दवा किस तरह करती है

– कोरोना वायरस शऱीर में प्रवेश करके फेफड़ों की बेसिक यूनिट एल्वियोलाई को हाईजैक करते हुए उसकी अंतर की कार्यप्रणाली को बाधित करने की कोशिश करता है और साइटोकाइन्स का तूफान खड़ा करके सैकड़ों और लाखों की संख्या में अपने जैसी डुप्लीकेट कॉपी तैयार करने लगता है. ये औषधियां इस प्रक्रिया को बाधित करती हैं, साथ ही शरीर की फाइटर इम्युन कोशिकाओं को बढ़ाकर कोरोना वायरस के संक्रमण को अत्यंत प्रभावी तरीके से कंट्रोल करती हैं.

इस दवा से कोरोना की स्थिति में और क्या होता है

– दावा है कि कोरोना के कारण होने वाली जटिलताओं और सिंपटम्स पर ये प्रभावी तौर पर असर करती हैं. जैसे – एलर्जी, जुकाम, बुखार, निमोनिया, शऱीर दर्द, श्वांस लेने में तकलीफ होना आदि. ये दवाएं श्वसन तंत्र, प्रतिरक्षा तंत्र से लेकर पूरे शरीर की ऊर्जा को संतुलित और जागृत करती हैं.

कोरोनिल टैबलेट में मुख्य तौर पर किन आयुर्वेदिक औषधियों को लिया गया है

– इसमें गिलोय घनवटी, तुलसी घनवटी और अश्वगंधा कैप्सूल को मिश्रित किया गया है. इसके अलावा इसमें कई अन्य तत्वों और रसायनों का भी मिश्रण है.

इसके सेवन की विधि क्या बताई गई है

– कोरोनिल दवा में तीन दवाएं हैं श्वासारी वटी, कोरोनिल टैबलेट और अणु तैल. इसमें श्वासारी वटी को दिन में तीन बार दो गोलियां सुबह नाश्ते और दोपहर और रात में भोजन से पहले गर्म जल से लेना है.

नाश्ते और दोपहर व रात के भोजन के आधे घंटे बाद कोरोनिल टैबलेट की 02 गोलियां लेनी हैं. दिव्य अणु तेल को सुबह खाली पेट दोनों नाक में दोनों ओर 04-04 बूंदें डालना है.

कोरोना रोगियों पर इसका परिणाम रहा है

-दावा किया गया है कि इसके सेवन से तीन दिनों में कोरोना नियंत्रण में आ जाता है. स्टडी में बताया गया कि 70 फीसदी लोगों में ऐसा देखा गया है जबकि 100 फीसदी लोग स्टडी में 07 दिनों में ठीक होते देखे गए.



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