उत्तराखंड

देहरादून: पुलिस फोर्स की कमी ने बढ़ाई कुंभ में चिंता, अन्य राज्यों से भी नहीं मिल रही मदद

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अगर होमगार्ड मिल जाते हैं तो कुछ हद तक परेशानियां कम होंगी. (फाइल फोटो)

अगर होमगार्ड मिल जाते हैं तो कुछ हद तक परेशानियां कम होंगी. (फाइल फोटो)

मौजूदा समय में कुंभ (Aquarius) में करीब 10 हजार पुलिसकर्मी तैनात हैं. अब आगामी अप्रैल में 11 से 14 अप्रैल तक शाही स्नान है, जिसमें हर दिन 1 से डेढ़ करोड़ तक श्रद्धालुओं के आने की आशंका जताई जा रही है.

देहरादून. सीएम तीरथ सिंह रावत (CM Tirath Singh Rawat) के हरिद्वार महाकुम्भ (Mahakumbh) को लेकर दिए गये बयान से अब पुलिस की चिंताएं बढ़ गयी हैं. जी हां मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने घोषणा की थी बीना रोक टोक के श्रद्धालु महाकुम्भ में पहुंचे. साथ ही उन्होंने पुलिस को भी निर्देशित किया था कि किसी भी श्रद्धालु से कोरोना की कोई भी रिपोर्ट या फिर किसी भी प्रकार से रजिस्ट्रेशन न लिया जाए. इसके बाद हरिद्वार (Haridwar) में लगातार श्रधालुओं की संख्या बढ़ने लगी है. जिससे पुलिस की परेशानियां भी बढ़ने लगी है. ऐसे में केंद्र सरकार और अन्य राज्यों से सुरक्षा कर्मियों का न मिलना चिंता का विषय बन गया है. क्योंकि पांच राज्यों ने विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश ने अप्रैल में पंचायत चुनाव के चलते पुलिस फोर्स मुहैया कराने से हाथ खड़े कर दिए हैं. ऐसे में कुंभ में श्रद्धालुओं की अनुमानित संख्या के लिए सुरक्षा के लिए पर्याप्त पुलिस बल की व्यवस्था करना चुनौती बन गया है.

मौजूदा समय में कुंभ में करीब 10 हजार पुलिसकर्मी तैनात हैं. अब आगामी अप्रैल में 11 से 14 अप्रैल तक शाही स्नान है, जिसमें हर दिन 1 से डेढ़ करोड़ तक श्रद्धालुओं के आने की आशंका जताई जा रही है.  जिसका बढ़ा कारण आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाए जाने की घोषणा मना जा रहा है. इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने पर उनकी सुरक्षा के लिए करीब 22 हजार पुलिस जवान चाहिए.

कुछ हद तक परेशानियां कम होंगी
आपको बता दें पूर्व में महाकुम्भ में आने वाले श्रधालुओं को कोरोना रिपोर्ट के साथ कुम्भ पोर्टल में भी रजिस्ट्रेशन करना था, जिसमें पुलिस विभाग को अंदाजा था सीमित संख्या में ही गंगास्नान करने के लिए श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचेंगे. लेकिन अब सब खुल जाने से पुलिस की चिंताएं बढ़ने लगी हैं. वहीं, डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि पुलिस फोर्स न मिलने से परेशानियां तो बढ़ रही हैं लेकिन अब वो अन्य राज्यों से होमगार्ड के लिए बात की जा रही है. अगर होमगार्ड मिल जाते हैं तो कुछ हद तक परेशानियां कम होंगी.






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