आपदा के 18 दिन, अब तक 70 शव बरामद, 134 लापता लोगों के लिए सर्च ऑपरेशन जारी
चमोली जिले में आपदा में अब मरने वालों की संख्या 70 हो गई है। हालांकि 134 लापता लोगों की तलाश और बचाव के लिए अभियान अभी जारी है।
चमोली। उत्तराखंड के चमोली जिले में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बुधवार को 18वें दिन भी तलाश और बचाव अभियान जारी रहा। आपदा के बाद से अब तक 70 शव निकाले जा चुके हैं। इस बात की जानकारी पुलिस की ओर से जारी बुलेटिन में दी गयी है। चमोली पुलिस की ओर से जारी मीडिया बुलेटिन में बताया गया है कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों से अब तक 70 शव और 29 मानव अंग बरामद हो चुके हैं जिनमें से 40 शवों और एक मानव अंग की पहचान की जा चुकी है।
इसके अलावा जोशीमठ पुलिस थाने में मंगलवार को एक और लापता व्यक्ति की रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है। तपोवन-विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना में कार्यरत ऋत्विक कंपनी ने अपने एक और कामगार के लापता होने की सूचना थाने को दी है। त्रासदी के बाद से अब तक 134 लोग लापता हैं जिनकी तलाश के लिए लगातार तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। बुलेटिन में कहा गया है कि 58 शवों, 28 मानव अंगों तथा आपदा का शिकार हुए लोगों के 110 परिजनों के डीएनए नमूने देहरादून स्थित फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में मिलान के लिए भेज दिए गए हैं।
बता दें कि चमोली में 7 फरवरी को आई आपदा में लापता लोगों की तलाश के लिए चमोली की ऋषिगंगा और धौलीगंगा घाटी के साथ ही तपोवन टनल और बैराज साइट पर पिछले 18 दिन से सर्च अभियान लगातार जारी है। अब इन सभी लापता 134 लोगों को मृत घोषित करने के लिए सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। केंद्र से मिले दिशा निर्देशों के बाद उत्तराखंड सरकार ने यह कदम उठाया है। यही नहीं, चमोली ग्लेशियर हादसे में एनटीपीसी के तपोवन में स्थित पावर प्रोजेक्ट में 140 लोग बाढ़ की चपेट में आ गए थे। एनटीपीसी ने इन सभी लोगों के परिजनों को 20-20 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की है। कई परिवारों को यह मुआवजा दिया भी जा चुका है। इसके अलावा राज्य सरकार ने 4 लाख और केंद्र ने प्रधानमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपए देने की घोषणा की है।