उत्तराखंड में 4 साल बाद फिर गर्भवतियों के अस्पताल आने-जाने की होगी निशुल्क व्यवस्था, सरकार देगी खर्च
देहरादून। उत्तराखंड में खुशियों की सवारी सेवा चार साल बाद एक बार फिर शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रसव उपरांत जच्चा-बच्चा को अस्पताल से घर तक नि:शुल्क छोड़ने के लिए खुशियों की सवारी सेवा वाहन को हरी झंडी दिखाई।
इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार गर्भवती महिलाओं के सरकारी अस्पताल आने-जाने की भी निशुल्क व्यवस्था करेगी। किसी कारणवश यदि एंबुलेंस नहीं मिल पाती है तो गर्भवती महिलाएं प्राइवेट वाहन से भी अस्पताल आ जा सकती हैं, सरकार वाहन का किराया वहन करेगी।
प्रदेश में संचालित स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं से जनप्रतिनिधियों को रूबरू कराने के उद्देश्य से सुभाष रोड स्थित एक होटल में आयोजित स्वास्थ्य संवाद-2021 में स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने तमाम घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि एक माह के भीतर स्वास्थ्य विभाग में रिक्त चल रहे लैब टेक्नीशियन, एक्स-रे टेक्नीशियन और वार्ड ब्वाय के पदों को भर दिया जाएगा।
प्रदेशवासियों को सरकारी चिकित्सालयों में निशुल्क डायलिसिस की सुविधा देने के साथ ही संबंधित मरीजों को आवागमन की भी मुफ्त सुविधा मिलेगी। डॉ.रावत ने बताया कि विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की मॉनिटिरिंग के लिए राज्य से ग्राम स्तर तक टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा।
राज्यभर में 600 स्वास्थ्य मेलों का आयोजन किया जाएगा। जिसमें पर्वतीय विधानसभा क्षेत्रों में 10-10, जबकि मैदानी विधानसभा क्षेत्रों में 5-5 स्वास्थ्य मेले लगाए जाएंगे। इसके अलावा सरकारी अस्पतालों में आने वाले सभी मरीजों को निशुल्क दवा दी जाएगी। इस बात को सख्ती से लागू किया जाएगा कि कोई भी डॉक्टर बाहर की दवा नहीं लिखेगा।
कार्यक्रम में सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के चेयरमैन डीके कोटिया, मिशन निदेशक एनएचएम सोनिका, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ.तृप्ति बहुगुणा, अपर सचिव अरुणेंद्र चौहान, अभिषेक त्रिपाठी, डॉ.कुलदीप टोलिया, डॉ.सरोज नैथानी, डॉ.मयंक बडोला, डॉ.जेसी पांडे सहित विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।