Skip to content
डेली रिपोर्ट ब्यूरो रिपोर्ट देहरादून: राजधानी देहरादून से गैस सिलेंडर को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। जी हाँ दरसल प्रदेश में पहली बार 24 घंटे में पहले कमर्शियल और एक दिन बाद घरेलू गैस सिलेंडर में 50 रुपये की वृद्धि कर दी गई है। ऐसा पहली बार हो रहा है, जब एक के बाद एक एलपीजी सिलेंडर की मूल्य में इतनी बड़ी बढ़ोतरी की गई है। बीते एक नवंबर को ही कमर्शियल सिलेंडर में रुपए 55 की वृद्धि की गई थी। अब 2 दिसंबर से घरेलू एलपीजी सिलेंडर में रुपए 50 की बढ़ोतरी कर दी गई है।
हालांकि इससे पहले महीने के आखिरी दिन देर रात को ही घरेलू और कमर्शियल गैस के नए मूल्य तय होते थे और अगले दिन नए महीने की पहली तारीख से मूल्य वृद्धि लागू होती थी, लेकिन इस बार एक दिन के अंतराल में दोनों अलग-अलग सिलेंडर में मूल्य वृद्धि की गई है। कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के रेट 30 नवंबर 2020 तक 1173 रुपए थे अब रुपए 55 बढ़कर 1228 रुपए हो गए हैं।
मैदानी और पहाड़ी जिलों में एलपीजी के रेट
-
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून सहित राज्य के अन्य मैदानी जिलों में 1 दिसंबर तक एलपीजी घरेलू सिलेंडर की कीमत रुपए 613 थी।
-
2 दिसंबर 2020 से रुपए 50 बढ़कर यह कीमत रुपए 663 हो गई है।
-
पहाड़ी जिलों में ट्रांसपोर्टेशन खर्च बढ़ने के चलते 30 नवंबर तक जहां घरेलू सिलेंडर की औसतन कीमत रुपए 630 से रुपए 631.50 पैसे होती थी। 2 दिसंबर से रुपए 681.50 पैसे एलपीजी सिलेंडर की कीमत हो गई है।
जिला 1 दिसंबर 2020 के रेट, 2 नवंबर 2020 के नए रेट
अल्मोड़ा रुपए 631.50 रुपए 681.50
बागेश्वर रुपए 631.50 रुपए 681.50
चमोली रुपए 630 रुपए 680
चंपावत रुपए 632 रुपए 682
देहरादून रुपए 613 रुपए 663.50
हरिद्वार रुपए 613 रुपए 663.50
नैनीताल रुपए 614.50 रुपए 664.50
पौड़ी रुपए 630 रुपए 680
पिथौरागढ़ रुपए 631.50 रुपए 681.50
रुद्रप्रयाग रुपए 630 रुपए 680
टिहरी रुपए 630 रुपए 680
यू एस नगर रुपए 615 रुपए 665
उत्तरकाशी रुपए 630 रुपए 680
देहरादून एलपीजी एसोसिएशन के अध्यक्ष चमन लाल के मुताबिक, ऐसा पहली बार हो रहा है जब महीने के आखिरी दिन देर रात एलपीजी के दोनों सिलेंडर के दाम तय होने की जगह अगले दिन सीधे दाम बढ़ाये गए हैं। सिलेंडर के दाम इतनी बड़ी मात्रा में बढ़ने से खासकर पहाड़ों और ग्रामीण इलाकों में इसकी सेल डाउन हो जाती है, क्योंकि सिलेंडर को बचाने के चलते इन क्षेत्रों के लोग लकड़ी और अन्य ईंधन के साधन को खर्चा बचाने में ज्यादा बेहतर मानते हैं।