Chamoli Disaster: अब तपोवन टनल की होगी ज्योग्राफिकल मैपिंग, थर्मल स्कैनिंग से फंसे लोगों की तलाश– News18 Hindi
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इसके अलावा थर्मल स्कैनिंग या फिर लेजर स्कैनिंग के जरिए तपोवन में ब्लॉक टनल के अंदर फंसे कर्मचारियों के होने की कुछ जानकारियां भी एसडीआरएफ को मिल पाएगी, इसमें कई तकनीकों के जरिए चमोली तपोवन में ब्लॉक टनल के अंदर पहुंचने का काम किया जा रहा है.
थर्मल स्कैनिंग की ली जाएगी मदद
बताते चलें कि जब भी किसी जगह पर टनल बनाई जाती है तो उससे पहले भी उस जमीन की भौगोलिक संरचना को समझने के लिए इसी तरह के सर्वे कराए जाते हैं. जब भी किसी जगह पर टनल बनाई जाती है तो रिमोट सेंसिंग के जरिए वहां की ज्योग्राफिकल मैपिंग की जाती है जिससे जमीन के अंदर की भौगोलिक संरचना से संबंधित डाटा उपलब्ध होता है. साथ ही जमीन के अंदर की वस्तुस्थिति को अधिक सटीकता से समझने के लिए ड्रोन से जिओ मैपिंग के जरिए अधिक जानकारियां मिलती है. इसके अलावा जमीन के अंदर मौजूद किसी जीवित की जानकारी के लिए थर्मल स्कैनिंग की जाती है, लेकिन थर्मल स्कैनिंग का दायरा बेहद कम होता है. इसके लिए लेजर के जरिए स्कैनिंग की जाती है जिससे जमीन के नीचे की थर्मल इमेज भी प्राप्त होती है.
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वहीं रेस्क्यू को लेकर डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि टनल में पहले सिर्फ मलबा आ रहा था. अब बोल्डर्स आने भी शुरू हुए हैं. ऐसे में टनल की खुलने की उम्मीद ज्यादा बन जाती है. इसके साथ ही ड्रिल करके टनल के अंदर की स्थिति को देखने पर भी विचार चल रहा है.
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