उत्तराखंड

Chamoli Disaster: NTPC में काम करने वालों ने बताया कैसा था वह खौफनाक मंजर, टनल में कंपनी के AGM भी फंसे– News18 Hindi

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चमोली. उत्तराखंड के जोशीमठ (Joshimath) में एक बड़ी खबर सामने आई है. तपोवन के NTPC प्लांट में मंगलवार को मीडिया को 100 मीटर दूरी पर रोक दिया गया. वहीं, पिछले 36 घण्टे से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. सूत्रों के मुताबिक, टनल के अंदर लगभग 180 मीटर तक देर रात मशीनें मलवा निकालने में कामयाब हुई हैं. लेकिन कोई शव या जीवित आदमी नहीं मिल पाया है. कहा जा रहा है कि अंदर ही अंदर टनल कई किलोमीटर तक लंबी है. ये आशंका है कि जो लोग सैलाब के बाद टनल में थे वो पानी आने पर अंदर की तरफ भागते चले गए या मलवे के साथ अंदर को बहते चले गए. यही वजह है कि अब तक टनल के अंदर रेस्क्यू (Rescue) में अभी कोई शव बरामद नहीं हो पाया है.

वहीं, NTPC पावर प्लांट में काम कर रहे कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपनी जान बचाने में कामयाब रहे हैं. मौत का मंजर इन लोगों ने बेहद क़रीब से देखा है. पावर प्लांट के बेहद नज़दीक का गांव है ढाक गांव. इस गांव के कुछ युवा इस प्लांट में काम करते हैं. तबाही वाले दिन भी ये लोग काम पर थे. अचानक से सैलाब आया तो लोगों के चिल्लाने की आवाज़ें सुनाई दीं. अफरा- तफरी में हर कोई ऊपर की तरफ़ भागा, जिसमें से कुछ लोग ही सैलाब की चपेट में आने से बच पाये. इन लोगों का कहना है कि जो मंजर उन्होंने देखा उसके बाद अभी भी काफ़ी डरे हुये हैं. क्योंकि इन लोगों ने साथ में काम करने वालों को डूबते हुए देखा है. ऐसे में ये लोग दुबारा काम पर जाने से डर रहे हैं.

घटना में ग्लेशियर फटने जैसे स्थिति नहीं लग रही है

बता दें कि कल खबर सामने आई थी कि उत्तराखंड के चमोली में रविवार को ग्लेशियर टूटने से मची तबाही के बाद से 202 लोग लापता हैं. जबकि आर्मी, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमों रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं. इस बीच मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एक बार फिर चमोली के आपदाग्रस्त इलाके का दौरे पर हैं, जहां वह रात को भी रहेंगे. सचिवालय में आपदा प्रबंधन, पुलिस, सेना, आईटीबीपी के अधिकारियों के साथ बैठक कर जोशीमठ के रेणी क्षेत्र में आई आपदा में राहत और बचाव कार्यों की स्थिति की जानकारी लेने के बाद उन्होंने बताया कि इस घटना में ग्लेशियर फटने जैसे स्थिति नहीं लग रही है.



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