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चमोली/ब्यूरो रिपोर्ट: नंदप्रयाग घाट मोटरमार्ग को डेढ़ लेंन चौडीकरण करवाने की मांग को लेकर आंदोलनकारी पिछले 5 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हैैं। पिछले 5 दिनों से धरने पर बैठे आंदोलनकारियों को बृहस्पतिवार को प्रशासन द्वारा जबरन धरना स्थल से उठाने का प्रयास किया गया जबरन धरना स्थल से उठाए जाने से नाराज आंदोलनकारियों में से दो युवक गुड्डू लाल एवं मदन सिंह पास में बने मोबाइल के टावर पर चढ़ गए।

प्रशासन ने दोनों ही युवकों को किसी तरीके से टावर से नीचे उतारा जिसके बाद आंदोलन कर रहे। आंदोलनकारियों को धरने से हटाने में पुलिस बल नाकाम रहा। आंदोलनकारियों की मांग है कि नंदप्रयाग घाट मोटर मार्ग की सड़क को डेढ़ लेन बनाने का शासन आदेश पारित किया जाए। ग्रामीणों का कहना है जब तक शासन आदेश पारित नहीं हो जाता। तब तक वे धरना स्थल से नहीं हटेंगे। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए धरना स्थल के आसपास भारी पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया है। भारी संख्या में लोगों के इकट्ठे होने की वजह से सड़क पर जाम की स्थिति पैदा हो गई है बाजार को भी पूरी तरह से बंद करवा दिया गया है।
डेढ लेन चौड़ीकरण के लिये लम्बे समय से सरकार से जद्दोजहद कर रहे हैं। उनके आह्वान पर ही 70 गांव के 7000 से अधिक लोगो ने कुछ दिन पूर्व मानव क्षृंखला भी बनाई थी। इस धरने को 47 दिन बीत चुके है। अतिंम 5 दिनो से वहां आमरण अनशन करने में लगे हैं। आज सम्पूर्ण वाहनों पर रोक और क्षेत्र बन्द घोषित किया गया है। इसी बीच पुलिस और अनशन पर बैठे लोगो के मध्य हाथापाई भी देखने को मिली।
आपको बता दें कि यहा नन्दप्रयाग से घाट तक 20 किलोमीटर की सड़क है। जहां आये दिन सड़क हादसे होते रहते है। इसमे कई लोगो ने अपने परिवार के चिरागों को खोया है। इसी क्षेत्र मे प्रतिवर्ष चलनेवाले नन्दाराज जात भी होती है। लेकिन मार्ग सकरे और छोटे ओर कारण यहां लोग अकाल मृत्यु से नहीं बच पाते है।
दरअसल कुछ समय पूर्व ही यहा एक बस दूर्घटनाग्रस्त हुई जिसमें करीब एक 19 लोग मारे गये। इस क्षेत्र मे केदारनाथ आपदा के समय इस क्षेत्र का एक पूल भी बह गया था। लेकिन आज तक वह पूल सैना पूल के सहारे 30+ गांव जुड़े है। चीन से सीमायें होने के कारण भी यह क्षेत्र अतिसंवेदनशील है।
हालांकि इसमें लक्ष्मण राणा, प्रकाश, गुड्डू लाल, दिनेश सिंह भण्डारी, नरेश मैदोली, देवेन्द्र सिंह नेगी, दीपक रतूड़ी, प्रमोद भण्डारी,भूपेंद्र नेगी, देव सिंह, रेखा देवी, सीमा देवी, मंगसीरी देवी इत्यादि मौजूद थे।