Climate Change का ग्लेशियर पर असर, माउंटेनियरिंग के नियमों की अनदेशी होगी खतरनाक– News18 Hindi
[ad_1]
पर्वतारोही बासू पांडे भी मानते हैं कि पर्वतारोहण के नियमों का पालन सही ठंग से नहीं हो रहा है. पर्वतरोहियों को इस बात की चिंता नहीं है कि पर्यावरण को बचाकर अपने अभियान को पूरा किया जाए, बल्कि उनकी पहली प्राथमिकता अपने लक्ष्य को हासिल करना है.
सख्त बनाए गए हैं पर्वतारोहण के नियम
असल में पर्वतारोहण के लिए नियम खासे सख्त बनाए गए हैं. हिमालय की चोटियों पर चढ़ने वालों को ये तक हिदायत दी जाती है कि उनके कदमों की आहट भी नहीं होनी चाहिए. यही नहीं पॉलिथीन यूज पर पूरी तरह रोक है. बावजूद इसके ये देखने मिला है कि पर्वतारोहण में हो रहा इजाफा हिमालय के पर्यावरण को खासा प्रभावित कर रहा है. बीते सालों में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट में खासा कचरा जमा हुआ है. यही नहीं एवरेस्ट पर चढ़ने वालों की संख्या में इस कदर इजाफा हुआ है कि वहां जाम जैसे हालात भी देखने को मिले हैं. उत्तराखंड के नोर्थ जोन के वन संरक्षक प्रवीन कुमार का कहना है कि नियमों का सही ठंग से पालन हो इसकी पूरी कोशिश रहती है, लेकिन जब पर्वतारोही ऊंचे पहाड़ों को निकल पड़ते हैं कि उन पर नजर रखना सम्भव नहीं होता.
ये भी पढ़ें: Sonipat News: गर्ल्स हॉस्टल के कमरे में फांसी पर झूलती मिली MBBS फर्स्ट ईयर की छात्रा की लाश
पर्वतारोहण के नियमों को न मानने के नतीजे कई दफा इत कदर खतरनाक हो जाते हैं कि एवलांच की चपेट में पर्वतारोही भी आ रहे हैं. इनकी तलाश में न चाहते हुए भी उन इलाकों में हवाई सर्च ऑपरेशन चलाने पड़ते है जहां इंसानी दखल कतई नहीं होना चाहिए. चमोली में आई त्रासदी के बाद नीति निर्माताओं को ये बात भी गांठ बांधनी होगी कि नियमों का पालन हर हाल में करवाया जाए.
[ad_2]
Source link