उत्तराखंड

Dehradun : गंगोत्री घाटी में विंटर टूरिज्म की संभावना बढ़ी, स्नो लेपर्ड के बाद दिखी ग्रैंडाला बर्ड

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बर्ड वॉचरों की पहली पसंद मानी जाती है यह रॉयल ब्लू कलर की फीमेल ग्रैंडाला बर्ड.

बर्ड वॉचरों की पहली पसंद मानी जाती है यह रॉयल ब्लू कलर की फीमेल ग्रैंडाला बर्ड.

ग्रैंडाला बर्ड देखने के लिए बर्ड वाचर अभी तक सिक्किम का रुख करते थे. लेकिन गंगोत्री घाटी में यह बर्ड पहली बार करीब 2000 फीट की ऊंचाई वाले गंगनानी और डबरानी क्षेत्रों में भी देखी गई.


  • News18Hindi

  • Last Updated:
    February 4, 2021, 6:40 PM IST

देहरादून. बर्ड वॉचिंग के शौकीनों के लिए एक अच्छी खबर है. जो टूरिस्ट रॉयल ब्लू कलर और पीली चोंच वाली बेहद खूबसूरत ग्रैंडाला बर्ड (Grandala Bird) को देखने के लिए अब तक सिक्किम (Sikkim) का रुख करते रहे हैं, उनके लिए अब देहरादून (Dehradun) की गंगोत्री घाटी (Gangotri Valley) भी एक उम्दा डेस्टिनेशन हो सकती है. गंगोत्री घाटी में भी ग्रैंडाला बर्ड के झुंड के झुंड आए हुए हैं.

पहले दिखे थे सिर्फ स्नो लेपर्ड

गंगोत्रीधाम और मां गंगा के लिए पहचानी जाने वाली गंगोत्री घाटी अब विंटर में टूरिस्ट के लिए एक बेहतरीन डेस्टिनेशन के तौर पर उभरने जा रही है. गंगोत्री नेशनल पार्क से लगे इस क्षेत्र में विंटर सीजन में स्नो लेपर्ड अच्छी खासी संख्या में देखे जाते हैं. फॉरेस्ट डिपार्टमेंट यहां स्नो लेपर्ड कंजर्वेशन सेंटर बनाकर इसे डेवलेप करने जा रहा है. फॉरेस्ट डिपार्टमेंट इस खूबसूरत घाटी को टूरिज्म डेस्टिनेशन के तौर पर विकसित करना चाहता था. उसकी मंशा थी कि यहां पर विंटर में स्नो लेपर्ड देखने के लिए टूरिस्टों प्रोत्साहित किया जाए. लेकिन सिर्फ स्नो लेपर्ड देखने मात्र के लिए ही ये कंसेप्ट परवान नहीं चढ़ सकता था.

अब दिखी रॉयल ब्लू कलर की फीमेल ग्रैंडाला बर्डविंटर टूरिज्म की संभावनाओं की तलाश के लिए फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने यहां एक्सपर्ट की एक टीम भेजी. इसमें नैनीताल के रहनेवाले राजेश पंवार और शीला पंवार शामिल थे. दोनों लोग एवियन ट्रेल्स नाम से बर्ड वॉचिंग कम्पनी भी चलाते हैं. इस टीम को गंगोत्री घाटी के भ्रमण के दौरान गंगनानी और डबराणी क्षेत्र में ग्रैंडाला बर्ड के झुंड दिखाई दिए. बर्ड वॉचरों की पहली पसंद मानी जाती है रॉयल ब्लू कलर की फीमेल ग्रैंडाला बर्ड. ग्रैंडाला बर्ड आम तौर पर उच्च और मध्य हिमालयी क्षेत्रों में नौ हजार फीट तक की ऊंचाई पर भी पाई जाती है. विंटर सीजन में ये बर्ड निचले क्षेत्रों में माइग्रेट कर जाती है. ग्रैंडाला बर्ड को देखने देश-विदेश के बर्ड वाचर अभी तक सिक्किम का रुख करते थे. लेकिन गंगोत्री घाटी में यह बर्ड पहली बार करीब 2000 फीट की ऊंचाई वाले गंगनानी और डबरानी क्षेत्रों में भी रिपोर्ट की गई. इसका कारण है कि इस घाटी में सी-बकथोर्न जिसे स्थानीय भाषा मे आमील कहा जाता है, की झाड़ियां बड़े पैमाने पर होती हैं और ग्रैंडाला बर्ड का ये फेवरेट भोजन है.

बेहतर डेस्टिनेशन की संभावना

राजेश पंवार और शीला पंवार ने इसके अलावा गंगोत्री घाटी के इस क्षेत्र में दो अन्य बर्ड भी रिपोर्ट की हैं. इन नतीजों से फॉरेस्ट डिपार्टमेंट उत्साहित हैं. फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के चीफ राजीव भरतरी का कहना है कि हमें उम्मीद है कि स्नो लेपर्ड कंजर्वेशन सेंटर को मिलाकर गंगोत्री घाटी को विंटर टूरिज्म के बेहतर डेस्टिनेशन के तौर पर डेवलेप किया जा सकता है.






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