Haridwar Kumbh 2021: 11 मार्च को होगा शाही स्नान, कुंभ में एंट्री के लिए फॉलो करने होंगे ये नियम
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ये नियम न माने तो नहीं कर सकेंगे कुंभ स्नान, सरकार ने जारी की है ये गाइडलाइन.
हरिद्वार में कुंभ मेले का पहला शाही स्नान 11 मार्च को होना है. महाशिवरात्रि के दिन होने जा रहे शाही स्नान के लिए सरकार ने गाइडलाइन जारी कर दी गई हैं.
हरिद्वार. महाशिवरात्रि (Mahashivratri) को होने वाले शाही स्नान ( Shahi Snan ) के लिए इस बार मेला प्रशासन और सरकार की ओर से सख्त गाइडलाइन जारी की गई है. हरिद्वार में चल रहे कुंभ मेले ( Kumbh Mela) का पहला शाही स्नान 11 मार्च को होना है. इसमें 10, 11 और 12 मार्च को हरिद्वार जिले में प्रवेश करने के लिए 72 घंटों के भीतर की कोविड -19 निगेटिव रिपोर्ट और हेल्थ सर्टिफिकेट लाना अनिवार्य कर दिया गया है. सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ श्रद्धालुओं को हरिद्वार कुंभ मेले के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत ने बताया कि इस प्रक्रिया का पालन करते हुए जो भी श्रद्धालु हरिद्वार आएंगे उन्हें ही एंट्री दी जाएगी. उसके अलावा मेला क्षेत्र में भी रेंडम सेम्पलिंग की जाएगी. अगर किसी भी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं या संक्रमित पाया जाता है तो उसे नियमानुसार आइसोलेट किया जाएगा.
क्या है रजिस्ट्रेशन की प्रक्रियारजिस्ट्रेशन करने के लिए सबसे पहले कुंभ मेले के पोर्टल https://dsclservices.org.in/kumbh पर जाना होगा. उसके बाद वेबसाइट में मांगी गई सभी जानकारियां दर्ज करनी होंगी. कोविड रिपोर्ट, हेल्थ चेकअप सर्टिफिकेट और आईडी प्रूफ अपलोड करने के बाद मोबाइल पर ई-पास प्राप्त होगा. इस ई-पास को दिखाकर ही हरिद्वार में एंट्री मिलेगी. जिसके पास यह ई-पास नहीं होगा उसे हरिद्वार के बॉर्डर से वापस लौटाया जायगा.
घाटों पर क्या होगी स्नान की व्यवस्था
11 मार्च को सभी 7 सन्यासी अखाड़े शाही स्नान करेंगे. अपने-अपने अखाड़ों की छावनियों से शोभायात्रा निकालते हुए साधु संत हर की पैड़ी पर पहुंचेंगे. कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल ने बताया कि 11 मार्च को सुबह 8 बजे से हरकी पैड़ी और मालवीयदीप घाट खाली करा लिया जाएगा. अखाड़ों का शाही स्नान चलने तक आम श्रद्धालुओं को वहां स्नान करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
जूना, अग्नि और आवाहन अखाड़े करेंगे सबसे पहले स्नान
कुंभ मेले में शाही स्नान अखाड़ों के साधु संतों के लिए काफी खास होता है. अखाड़े अपनी व्यवस्था के अनुसार खास क्रम में शाही स्नान करते हैं. अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने बताया कि सबसे पहले जूना, अग्नि और आवाहन अखाड़े स्नान करेंगे. उसके बाद निरंजनी और आनंद अखाड़ा गंगा में डुबकी लगाएंगे. अंत में महानिर्वाणी अखाड़ा और अटल अखाड़ा शाही स्नान करेंगे. हर अखाड़े को स्नान के लिए आधे घंटे का समय दिया गया है.
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