तो क्या अब उत्तराखंड पावर कारपोरेशन होगा जिम्मेदार! होगा मुकदमा दर्ज, पढ़िए पूरी ख़बर
ब्यूरो रिपोर्ट देहरादून: उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने विद्युत आपूर्ति संहिता विनियम 2020 के तहत यह प्रावधान किए हैं। दरअसल अधिकतर स्थानो पर यूपीसीएल ने मीटर घर के बाहर लगाए हैं, इसलिए इनकी चोरी होने पर मुकदमा दर्ज कराने की जिम्मेदारी यूपीसीएल की तय कर दी गई है। अभी तक चेक मीटर के लिए खास नियमावली नहीं थी लेकिन अब चेक मीटर केवल लैब से टेस्टिड ही लगाए जा सकेंगे। इन चेक मीटर की अवधि की पूरी जानकारी भी रिकॉर्ड में रखनी होगी। उत्तराखंड में घरों के बाहर लगे बिजली मीटर अगर चोरी हुए तो इसके लिए उत्तराखंड पावर कारपोरेशन जिम्मेदार होगा। वह मीटर चोरी का मुकदमा दर्ज कराएगा। वहीं, किसी के मीटर में खराबी आने पर चेक मीटर केवल लैब से टेस्टिड ही लगाए जा सकेंगे।
घर का नहीं प्रमाण तो तीन गुना सिक्योरिटी
अगर किसी व्यक्ति को कहीं बिजली का कनेक्शन लेना है लेकिन उसके पास घर का कोई प्रमाण नहीं है तो उसे तीन गुना सिक्योरिटी देनी होगी। अगर उस प्रॉपर्टी पर निगम, निकाय, जिला प्रशासन या संबंधित प्राधिकरण की आपत्ति होगी तो उस पर बिजली कनेक्शन नहीं मिलेगा। खास बात यह है कि कहीं बिजली का कनेक्शन लेने पर चूंकि तीन गुना सिक्योरिटी जमा होगी, इसलिए मकान मालिक इस कनेक्शन के लिए जिम्मेदार नहीं होगा।
नियामक आयोग ने अतिरिक्त लोड को लेकर राहत प्रदान की है। इसके तहत अगर आपके पास एक से चार किलोवाट का कनेक्शन है तो आप 50 प्रतिशत तक अतिरिक्त लोड खर्च कर सकते हैं। चार केवी से दस केवी तक 40 प्रतिशत, दस केवी से 25 केवी से 25 प्रतिशत और 25 केवी से अधिक पर 20 प्रतिशत तक राहत रहेगी। लगातार तीन महीने तक लोड अधिक आने पर यूपीसीएल, उपभोक्ता को लोड बढ़ाने के लिए बोलेगा। अगर इसके बाद भी नहीं बढ़ाया जाता तो पांचवें महीने से वह लोड बढ़ जाएगा। नियामक आयोग ने यूपीसीएल से इस प्रक्रिया को संचालित करने के लिए सुझाव मांगा है। एक अप्रैल 2021 से प्रदेशभर में यह नियम लागू हो जाएगा।
मल्टीप्लेक्स में सिंगल कनेक्शन का मौका
अभी तक मल्टीप्लेक्स या मल्टीस्टोरी इमारतों में यूपीसीएल केवल मुख्य लाइन देता था। इससे आगे विद्युत आपूर्ति संबंधित इमारत का मालिक करता था। अब इसमें तब्दीली कर दी गई है। अगर उस इमारत में रहने वाला कोई व्यक्ति चाहेगा तो उसे उसी मुख्य लाइन से कनेक्शन मिल जाएगा। दूसरी ओर, 132 केवी से ऊपर की लाइनों में अगर देरी होगी तो इसकी जिम्मेदारी पिटकुल की होगी।
विद्युत आपूर्ति संहिता विनियम 2020 में कई नए प्रावधान किए गए हैं। इसके तहत जिस भूमि पर संबंधित प्रशासन, निगम, निकाय की आपत्ति होगी, उस पर कनेक्शन नहीं दिया जाएगा लेकिन अगर किसी भूमि पर उपभोक्ता के पास मालिक होने का प्रमाण नहीं है और उस पर आपत्ति भी नहीं है तो वहां तीन गुना सिक्योरिटी पर कनेक्शन दे सकते हैं। वहीं यूपीसीएल के चेक मीटर से लेकर कई और प्रावधान किए गए हैं, जिनकी पूरी जानकारी नियामक आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। -प्रभात कुमार डिमरी, निदेशक तकनीकी, उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग