उत्तराखंड

पिंडारी ग्लेशियर और बागची बुग्याल को किया गया ट्रैक ऑफ द ईयर घोषित, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने दोनों ट्रैक के लिए ट्रेकिंग दल किया रवाना

देहरादून। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) की ओर से बागेश्वर जिले के पिंडारी ग्लेशियर ट्रैक और चमोली जिले में बागची बुग्याल ट्रैक को ट्रैक ऑफ द ईयर घोषित किया गया है। बुधवार को गढ़ी कैंट स्थित यूटीडीबी से पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने दोनों ट्रैक के लिए ट्रेकिंग दल को रवाना किया। टूर ऑपरेटरों को विभाग की ओर से प्रत्येक ट्रेकर को ट्रैक पर किए जाने वाले कुल खर्चे पर 02 हजार रुपये की सब्सिडी भी दी जाएगी।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बागेश्वर व चमोली से आए एडवेंचर फाउंडेशन के प्रशिक्षणार्थियों को ट्रैक के शुभारंभ के मौके पर बधाई देते हुए कहा कि विंटर ट्रेकिंग डेस्टिनेशन और शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिय कार्यक्रम महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके अलावा इस ट्रैक के माध्यम से विंटर ट्रैकिंग डेस्टिनेशन को केदारकांठा की भांति प्रचारित एवं प्रसारित करना है। साथ ही ट्रैकिंग को बढ़ावा दिए जाने के लिए विभाग द्वारा ट्रैकिंग गाईड ट्रेनिंग भी प्रदान की जा रही है।

वहीं इस मौके पर पर्यटन मंत्री महाराज ने उत्तरकाशी के हर्षिल-छितकुल ट्रैक पर ट्रैकिंग दल के साथ हुए हादसे पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि इस तरह के खतरों से बचने के लिए हमें और अधिक सतर्क और सुरक्षित रहना होगा। इस दौरान पर्यटन मंत्री ने माह सितम्बर 2022 में यूटीडीबी द्वारा आयोजित बलजूरी (5922 मी0) पर्वतारोहण अभियान दल का भी स्वागत व प्रमाण पत्र देकर स्वागत किया।

इस मौके पर अपर सचिव पर्यटन सी. रविशंकर, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (साहसिक विंग) कर्नल अश्विनी पुण्डीर, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी अवस्थापना पूजा गर्ब्याल, निदेशक प्रचार व विपणन सुमित पन्त, निदेशक अवस्थापना ले. कमांडर दीपक खंडूरी, अपर निदेशक पूनम चंद, उपनिदेशक योगेंद्र गंगवार, वरिष्ठ शोध अधिकारी एस.एस. सामन्त समेत विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

यह रहेगा ट्रेक का रूट
पिंडारी ग्लेश्यिर के ट्रेक की शुरूआत कुमाऊं के काठगोदाम से होगी, जो खाती, दव्याली, फुर्किए, जीरो प्वाइंट, खाती के बाद खरकिया से होते हुए काठगोदाम में संपन्न होगा। जबकि बागची बुग्याल के ट्रेक की शुरूआत देहरादून के ऋषिकेश से होगी, जो घेश, देवलीखेत से होते हुए बागची बुग्याल के बेस कैंप पहुंचेंगे। जहां से ट्रेकर्स धुलंब होते हुए बागची के टॉप हिमनी पहुंचेंगे।

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