उत्तराखंड

गृहमंत्री अमित शाह के नाम से सीएम को फर्जी पत्र भेज नुपूर शर्मा के रिश्तेदार को जेड सिक्योरिटी मांगी

देहरादून। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नाम एक फर्जी पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने की जांच बैठा दी गई है। इस पत्र में भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता रही नुपूर शर्मा के एक रिश्तेदार को जेड सुरक्षा उपलब्ध कराने को कहा गया है। बुधवार को यह पत्र सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ।
केंद्रीय मंत्री शाह की तरफ से मुख्यमंत्री धामी को लिखे गए इस कथित पत्र में 13 जून की तिथि अंकित है। जिसमें कहा गया है कि संबंधित व्यक्ति आरएसएस और हिन्दु राष्ट्रीय विचारधारा के साथ ही नुपूर शर्मा का भी रिश्तेदार है। नुपूर शर्मा के साथ ही उनके रिश्तेदार को भी धमकियां मिल रही है लिहाजा तत्काल संबंधित व्यक्ति को जेड सुरक्षा मुहैया कराई जाए।

इस पत्र के वायरल होते ही पीआईबी ने इसे ट्विटर पर टैग करते हुए फर्जी बताया। उधर, मुख्यमंत्री धामी ने फर्जी पत्र की गंभीरता को देखते हुए दोषी व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सख्त कारवाई के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री की अपर मुख्य सचिव राधा रतूङी ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम को इस तरह का कोई पत्र नहीं भेजा है, यह पूरी तरह फर्जी है।
उन्होंने बताया कि एसटीएफ में सोशल मीडिया इंटरवेशंन सेल गठित है। जिसका मकसद सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की भ्रामक एंव गलत सूचना प्रसारित होने पर तत्काल प्रभाव से विश्लेषण कर वैधानिक एवं उचित कारवाई करना है। इस सेल को यह पत्र हुआ है, जिसके आधार से संबंधित व्यक्ति की तलाश की जा रही है। उन्होंने बताया कि शरारत करने वालों ने इस पत्र का रुपांतरण इस तरह से किया है जिससे समाज में कानून व्यवस्था बाधित हो। बताया कि एसटीएफ को मुकदमा दर्ज कर कारवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। विदित है नुपूर शर्मा का एक रिश्तेदार दून में रहते हैं जो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं।

गृहमंत्री का फर्जी पत्र वायरल करने में केस
गृहमंत्री अमित शाह का उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को संबोधित पत्र वायरल करने के मामले में एसटीएफ ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि एसटीएफ उत्तराखंड का सोशल मीडिया इंटरवेंशन सेल कार्यरत है।
जिसका उदेश्य सोशल मीडिया पर भ्रामक या गलत सूचना प्रसारित होने पर तत्काल विश्लेषण कर वैधानिक कार्रवाई करना है। ऐसी पोस्टों को हटाना भी है जिससे कानून व्यवस्था की समस्या बनें। इस सेल को गृहमंत्री का संशय पैदा करने वाला फर्जी पत्र मिला। इसे वायरल करने को लेकर केस किया गया है।

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