बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में बरी होने के बाद भाजपा की फायर ब्रांड नेता उमा भारती ने खुशी जताई है और कहा है कि यह उनकी नहीं भगवान राम की जीत है
दो दिन पहले उमा भारती ने कहा था कि अगर उन्हें सज़ा होती है तो वह ज़मानत लेने के बजाय जेल जाना पसंद करेंगी।
ऋषिकेश। बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में बरी होने के बाद भाजपा की फायर ब्रांड नेता उमा भारती ने खुशी जताई है और कहा है कि यह उनकी नहीं भगवान राम की जीत है। हालांकि इससे पहले उमा भारती राम मंदिर आंदोलन में शामिल होने पर खुद को भाग्यशाली बता चुकी थीं और यह भी कहा था कि अगर इस मामले में उन्हें सज़ा होती है तो वह ज़मानत लेने के बजाय जेल जाना पसंद करेंगी। बदरी-केदार की यात्रा के बाद ऋषिकेश के एम्स में अपना कोविड-19 का इलाज करवा रही हैं। इसके चलते वह आज कोर्ट में पेश नहीं हो पाईं।
प्रभु राम की जीत
बता दें कि केदारनाथ से लौटने के बाद उमा भारती कोविड-19 संक्रमित हो गई थीं। दरअसल केदारनाथ में ही उमा भारती की मुलाकात उत्तराखंड के उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धन सिंह रावत से हुई थी। केदारनाथ से लौटने के बाद पता चला था कि धन सिंह रावत कोरोना पॉज़िटिव हैं। इसके बाद उमा भारती ने भी अपना कोविड टेस्ट करवाया और वह भी कोरोना पॉज़िटिव निकलीं।
बुखार के चलते पिछले 3 दिन से उमा भारती एम्स ऋषिकेश में भर्ती हैं। बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में उमा भारती मुख्य आरोपियों में शामिल थीं। एम्स स्टाफ़ के अनुसार उमा भारती सुबह से ही इस केस पर नज़र बनाए हुए थीं और आइसोलेशन वार्ड में भी स्टाफ से जानकारी लेती रहीं। एम्स के स्टाफ़ ने बताया कि फैसला आने पर उमा भारती ने खुशी जताई और कहा कि वह कोर्ट के फैसले का सम्मान करती हैं। यह हमारी नहीं, प्रभु राम की जीत है।
ज़मानत नहीं, जेल को थीं तैयार
बता दें कि दो दिन पहले ही उमा भारती ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक पत्र लिख था। इसमें उन्होंने अयोध्या आंदोलन को गौरवशाली और इस आंदोलन में सम्मिलित होने पर खुद को सौभाग्यशाली बताया था। उमा भारती ने कहा था, “न्यायालय मेरे लिए मंदिर है और उसका आदेश भगवान का आदेश है। अगर सज़ा होती है तो मैं जमानत नहीं लूंगी क्योंकि अयोध्या आंदोलन मेरे लिए गौरव और गर्व की बात है।”