उत्तराखंड

Uttarakhand: जोशीमठ टनल के 200 मीटर भीतर फंसी है एक बोलेरो, दो JCB और एक क्रेन

[ad_1]

जोशीमठ के पास टनल में सोमवार को बचाव और राहत अभियान जारी है.

जोशीमठ के पास टनल में सोमवार को बचाव और राहत अभियान जारी है.

Uttarakhand Disaster: जोशीमठ के 220 मीटर अंदर टनल में एक बोलेरो, 2 जेसीबी और एक क्रेन फंसी है. बचाव दल को उम्मीद है कि सैलाब आने के समय शायद कुछ लोग टनल के अंदर उस गाड़ी में बचने के लिए बैठे हों.


  • News18Hindi

  • Last Updated:
    February 8, 2021, 2:33 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के चमोली जिले में कल नंदा देवी ग्लेशियर का एक भाग टूट गया था. जिले में सोमवार को बचाव और राहत अभियान में तेजी आने के साथ ही 10 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं. 200 लोग अब भी लापता हैं. जोशीमठ के 220 मीटर अंदर टनल में एक बोलेरो, 2 जेसीबी और एक क्रेन फंसी है. बचाव दल को उम्मीद है कि सैलाब आने के समय शायद कुछ लोग टनल के अंदर उस गाड़ी में बचने के लिए बैठें हो. उनकी तादाद भी ज्यादा हो सकती है. टनल को जल्दी से उस छोर की तरफ मलवा हटाकर साफ किया जा रहा है ताकि अगर लोग उस बुलेरो में बैठें हों तो उन्हें बचाया जा सके. टनल के अंदर हैं ठेकेदार के भी होने की आशंका जताई गई है.

इसी बीच केंद्रीय मंत्री आरके सिंह टनल पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया. सिंह ने कहा, “यह बहुत बड़ा हादसा है. इस टनल में 172 लोगों के फंसने की सूचना है.  सबसे बड़ा चैलेंज इनको बचाना है. किस तरह से और जल्दी हम मलबा निकालें, इस पर हम लोगों ने चर्चा की. जहां-जहां घाटी के ग्लेशियर है, उनको मॉनीटर करने पर काम करेंगे. ये प्रोजेक्ट और जनमानस के लिये आवश्यक है. ताकि एवलांच होने पर गांवों को अलर्ट किया जा सके.”

उन्होंने आगे कहा, “यह प्रोजेक्ट 2023 तक पूरा होना था, लेकिन अब पता नहीं कब तक पूरा होगा. प्रोजेक्ट के धराशायी होने से 1500 करोड़ का नुकसान है लेकिन हमें पहले अपने लोगों की जान बचानी है, वह महत्वपूर्ण है.”

आपदा में लापता व्यक्तियों का विवरण:ऋत्विंक कम्पनी – 21
ऋत्विंक की सहयोगी – 100
HCC कम्पनी – 03
ओम मैटल – 21
तपोवन गांव – 2
रिंगी गांव – 2

ऋषिगंगा कंपनी – 46
करछौ गांव – 2
रैणी गांव – 5
कुल – 202

उत्तराखंड में आई आपदा के बाद रेनी गांव के आगे कुल 9 गांव हैं जहां पर लोगों को राहत बचाव के सामान की जरूरत है. आइटीबीपी की आठवीं बटालियन राहत बचाव अभियान में लगी हुई है. हेलीकॉप्टर के जरिए सामग्री मंगाई जा रही है. फिर अंदर के इलाकों में लोगों तक पहुंचाने का काम शुरू कर दिया गया है.






[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *