उत्तराखंड

उत्तराखंड की विरासत को संजोए पांच सौ साल पुराने होमस्टे का मुख्य सचिव डॉ. सुखबीर सिंह संधु ने किया निरीक्षण

देहरादून। उत्तरकाशी के रैथल गांव में बने और विरासत को संजोए पांच सौ साल पुराने होमस्टे का शनिवार को मुख्य सचिव डॉ. सुखबीर सिंह संधु ने निरीक्षण किया। उन्होंने ग्रामीणों की समस्याओं को सुन उनके समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश भी दिया। मुख्य सचिव डॉ. सुखबीर सिंह संधु का ग्रामीणों ने ढोल-दमाऊ और बुरांश का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। रैथल गांव प्रसिद्ध दयारा बुग्याल का बेस कैंप भी है।

रैथल गांव पर्यटकों के बीच खासा मशहूर है। यह जगह सिर्फ अपनी लोकेशन और खूबसूरती के लिए नहीं बल्कि सांस्कृतिक विरासत और स्थानीय लोगों की जीवन पद्धति के लिए भी दुनिया भर में मशहूर है। रैथल गांव से पहले मुख्य सचिव ने दयारा बुग्याल का हवाई सर्वेक्षण किया। सीएस ने कहा कि रैथल गांव व दयारा ट्रैक पर पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। यहां के होमस्टे में पर्यटकों को प्रकृति की असीम ख़ूबसूरती देखने को मिलती है। आस-पास का शांतिपूर्ण वातावरण, ताज़ी हवा, शुद्ध पहाड़ी भोजन, साफ़ पानी और सुहावने मौसम पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। सरकार पर्यटन और होम स्टे योजना को बढ़ावा देने के लिए हर संभव कार्य कर रही है।

वहीं प्रदेश में जल्द शुरू होने वाली चारधाम और हेमकुंड साहिब यात्रा में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान मे रखते हुए उत्तराखण्ड सरकार की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। चारधाम व हेमकुंड साहिब यात्रा के संबंध में मार्च माह के अंत में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की जाएगी।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार, पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार राय, अपर जिलाधिकारी तीर्थपाल सिंह, उप जिलाधिकारी मीनाक्षी पटवाल, जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे, आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल, ग्राम प्रधान रैथल सुशीला राणा सहित अन्य लोग व अधिकारी मौजूद थे।

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