उत्तराखंड

उत्तराखंड: ग्रेजुएशन के विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य होगी आपदा प्रबंधन की पढ़ाई, सिलेबस बनाने की तैयारी शुरू

[ad_1]

उत्तराखंड में ग्रेजुएशन के विद्यार्थियों को पढ़ना होगा आपदा प्रबंधन.

उत्तराखंड में ग्रेजुएशन के विद्यार्थियों को पढ़ना होगा आपदा प्रबंधन.

उत्तराखंड के विश्वविद्यालयों में आपदा प्रबंधन (Disaster Management) के कोर्स संचालित किए जाएंगे. इसके तहत स्नातक स्तर पर काॅलेज में आपदा प्रबंधन विषय अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाएगा.


  • Last Updated:
    March 24, 2021, 11:41 PM IST

देहरादून. उत्तराखंड में आपदा की संवेदनशीलता को देखते हुए विश्वविद्यालयों में आपदा प्रबंधन (Disaster Management) के कई कोर्स संचालित किए जाएंगे. इसके तहत स्नातक स्तर पर काॅलेज में पर्यावरण विज्ञान (Environmental Science) की तरह आपदा प्रबंधन विषय अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाएगा. इसके लिए राज्य विश्वविद्यालयों (State Universities) की कुलपतियों की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन कर दिया गया है, जो राज्य में आने वाली आपदा के अनुरूप आपदा प्रबंधन का सिलेबस  तैयार करेगी.

आपदा प्रबंधन के साथ ही पंचायत प्रतिनिधियों, पोर्टरों और ड्राइवरों को एक महीने का रिफ्रेशर कोर्स करवाया जाएगा, ताकि प्रदेश में आने वाली आपदाओं की चुनौतियों से निपटा जा सके. यह बात उच्च शिक्षा, सहकारिता, प्रोटोकाॅल, आपदा प्रबंधन और पुनर्वास राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार धन सिंह रावत ने बीजापुर सभागार में उच्च शिक्षा और आपदा प्रबंधन विभाग की बैठक में कही.

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्यों की मौजूदगी में विभागीय मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि आपदा की संवेदनशीलता को देखते हुए राज्य के डिग्री काॅलेजों में पर्यावरण विज्ञान की तर्ज पर अब आपदा प्रबंधन विषय भी अनिवार्य किया जाएगा. जिसके अंतर्गत विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों में अध्ययनरत 4 लाख छात्र-छात्राओं को आपदा प्रबंधन के गुर सिखाए जाएंगे. ताकि आपदा के दौरान जानमाल की क्षति कम किया जा सके.

ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति होंगे पाठ्यक्रम तैयार कराने वाली समिति के अध्यक्ष विभाग के इस नए प्रयोग को लागू करने के लिए उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर ओपीएस नेगी की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है. कमेटी में सचिव आपदा प्रबंधन सदस्य होंगे और सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति और एसडीआरएफ के अधिकारी सदस्य होंगे. पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए गठित समिति विश्वविद्यालयों के लिए छह माह का सार्टिफिकेट कोर्स और एक साल का डिप्लोमा कोर्स का पाठ्यक्रम तैयार करेगी.

जो कि स्ववित्त पोषित के रूप में विश्वविद्यालयों में संचालित किया जायेगा. इसके अलावा समिति राज्य के विश्वविद्यालयों एवं राजकीय महाविद्यालयों में अनिवार्य विषय के रूप में आपदा प्रबंधन विषय को चलाये जाने हेतु भी पाठ्यक्रम तैयार करेगी. विभाग की योजना है कि भविष्य में पंचायत प्रतिनिधियों, ग्राम प्रहरियों, युवक मंगल दल, महिला मंगल दल, वन प्रहरियों, टैक्सी चालकों, पोर्टरों आदि को भी आपदा प्रबंधन के आधारभूत गुर सिखाये जायेंगे जिसके लिए गठित समिति एक माह का रिफ्रेशर कोर्स तैयार करेगी.







[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *