उत्तराखंड

उत्तराखंड: नेतृत्व परिवर्तन को लेकर देहरादून से लेकर दिल्ली तक चर्चाएं, टेंशन और सन्नाटा

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उत्तराखंड बीजेपी के ऑफिस में शाम ढलते-ढलते सन्नाटा पसर गया.

उत्तराखंड बीजेपी के ऑफिस में शाम ढलते-ढलते सन्नाटा पसर गया.

Leadership Change Speculation in Uttarakhand: उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर दिल्ली से देहरादून तक अलग-अलग चर्चाएं होती रहीं. शाम ढलते-ढलते बीजेपी ऑफिस में सन्नाटा पसर गया. पूरे दिन सियासी आपाधापी और हलचल जारी रही.

देहरादून. जैसा दिन शनिवार का था, कुछ वैसा ही दिन देहरादून में सोमवार का भी रहा. शनिवार को मुख्यमंत्री आवास से लेकर बीजापुर सेफ हाउस तक सियासी हलचल रही और सोमवार सुबह उसी वक्त से सियासत गर्माने लगी, जब खबर आई कि मुख्यमंत्री गैरसैण नहीं, दिल्ली जाएंगे. सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, विधायक मुन्ना सिंह चौहान के साथ जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए. मुख्यमंत्री दिल्ली गए तो मीडिया का जमावड़ा बीजेपी ऑफिस में शुरू हो गया. चर्चा भी कि आखिर देहरादून से दिल्ली तक चल क्या रहा है?

दोपहर 2 बजे बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत पार्टी दफ्तर पहुंचे तो साफ कहा कि न कोई विधायक असंतुष्ट है और न कोई नेतृत्व बदलने जा रहा है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत का कहना है कि सरकार पृरी तरह सुरक्षित है, कोई विधायक असंतुष्ट नहीं हैं, और ये जो खबरें चल रही हैं, वो सिर्फ मीडिया में हैं. पार्टी और सरकार में सब कुछ ठीक है.

भगत कहते रहे हैं कि ऑल इज वेल, लेकिन ऑफिस के हर कमरे में दबी जुबान में यही चर्चा होती रही कि चल क्या रहा है. टेंशन और सन्नाटे के बीच कोई भी कुछ कहने को तैयार नहीं था. जिससे पूछा गया, उसने कहा कोई चिंता नहीं है.

प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार का कहना है सब कुछ गॉसिप हैं और बीजेपी और सरकार में ऑल इज वेल है. दिल्ली से देहरादून तक अलग-अलग चर्चाएं होती रहीं और फिर शाम 4 बजे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत फिर प्रदेश ऑफिस पहुंचे. शाम ढलते-ढलते फिर सन्नाटा पसर गया और यही सवाल बाकी रहा कि अगर सब कुछ ठीक है, तो फिर ये आपाधापी, हलचल, टेंशन और सन्नाटा क्यों?






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