उत्तराखंड

सरकारी व मान्यता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में पढने वाले बच्चों को अब दोपहर के भोजन में परोसा जाएगा फोर्टिफाइड चावल

हल्द्वानी। सरकारी व मान्यता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को दोपहर भोजन के तहत अब फोर्टिफाइड (पोषण युक्त) चावल परोसा जाएगा। भारतीय खाद्य निगम ने अक्टूबर से फोर्टिफाइड चावल का वितरण शुरू कर दिया है। बच्चों को प्रोटीन व ऊर्जा पर्याप्त मात्रा मिल सके, इसके लिए कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों को पीएम पोषण योजना के तहत फोर्टिफाइड चावल दिया जाएगा। समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशक ने स्कूलों को फोर्टिफाइड चावल के रखरखाव व पकाने का तरीका साझा किया है। फोर्टिफाइड चावल को कुपोषण के विरुद्ध लड़ाई की दिशा में कारगर रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। इस चावल में भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के मानकों के अनुसार विटामिन बी-12, फोलिक एसिड व आयरन आदि मिलाया जाता है। एक कुंतल सामान्य चावल में एक किलो फोर्टिफाइड चावल मिलाया जाता है। चावल में पोषण तत्वों की परत चढ़ाकर या पीसकर सूक्ष्म तत्वों को मिलाकर मशीन की मदद से चावल का आकार दिया जाता है। तब यह चावल तैयार होता है।

चावल को दो से तीन बार साफ पानी से धोना होगा। पानी गर्म होने पर ही चावल को धोना होगा। पहले से धोकर रखने से पौष्टिकता में कमी आ सकती है। पानी उतने ही मात्रा में लिया जाए, जितनी चावल को पकने के लिए आवश्यकता हो। मांड को फेंकने से चावल की पौष्टिकता समाप्त हो जाएगी। कई सरकारी स्कूल पुराने भवन में चल रहे हैं। कुछ स्कूलों के रसोईघर में बरसात के दौरान सीलन रहती है। ऐसे में चावल का भंडारण चुनौतीपूर्ण रहेगा। विभाग ने सीलन वाले स्थान से चावल को दूर रखने की सलाह जारी की है। चावल को फर्श, दीवार आदि से हटाकर रखना होगा। सीलन से पौष्टिक तत्व नष्ट हो सकते हैं। माह की जरूरत के अनुरूप ही चावल स्टोर करने के निर्देश दिए हैं।

राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा बंशीधर तिवारी ने बताया कि पीएम पोषण योजना के तहत स्कूलों में फोर्टिफाइड चावल बनेगा। स्कूलों को बोरे पर प्लस एफ का चिह्न व फोर्टिफाइड चावल लिखा देखकर ही डीलर से चावल उठाने को कहा गया है। इससे बच्चों की सेहत पर सुधार देखने को मिलेगा।

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