उत्तराखंड

देहरादून:भारत बंद को लेकर डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने सभी अधिकारियों को दिए निर्देश 

ब्यूरो रिपोर्ट देहरादून: राजधानी देहरादून भारत बंद के मद्देनजर डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने सभी अधिकारियों को हर मौके की वीडियोग्राफी कराने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए जिले को नौ जोन और 21 सेक्टरों में बांटा गया है। डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि जोन में सीओ और सेक्टर में थाना प्रभारी मौजूद रहेंगे। साथ ही सोशल मीडिया पर लगातार नजर रखने के लिए पीआरओ सेक्शन के कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगी है।

वहीं पुलिस मुख्यालय से मिले निर्देशों के बाद डीआईजी ने दोनों एसपी और सभी सीओ के साथ बैठक की। उन्होंने शहर से लेकर देहात तक सभी जगहों पर पुलिस बल के पर्याप्त नियुक्ति के निर्देश दिए।साथ ही डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने कहा कि किसी भी स्थिति में कोई गतिरोध नहीं होना चाहिए। यदि कहीं कोई इस तरह की समस्या आती है तो प्रतिनिधियों के साथ बात कर उन्हें समझाने का प्रयास किया जाए। मौके पर क्या स्थिति रहती है इसके लिए हर वक्त वीडियोग्राफी करने को कहा।

डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने ये भी दिए निर्देश 

– एलआईयू इंस्पेक्टर तत्काल प्रभाव से सूचनाएं इकट्ठा कर अपने अधीनस्थों को निर्देशित करें।
– कानून व्यवस्था संबंधित कोई समस्या आती है तो इसके लिए वीडियोग्राफी के लिए सीपीयू की ड्यूटी लगाएं।
– सोशल मीडिया पर निगरानी के लिए एलआईयू व पीआरओ की ड्यूटी लगाई।
– किसी भी प्रकार की विवाद की स्थिति में जोन व सेक्टर पर भारी को इसकी तत्काल सूचना दी जाए।

हिंसा किसी भी दशा में नहीं होगी बर्दाश्त: डीजीपी
किसानों के प्रस्तावित भारत बंद को लेकर पुलिस ने कमर कस ली है। डीजीपी अशोक कुमार ने सोमवार को इस संबंध में सभी जिलों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने बंद के दौरान शांति बनाए रखने का आह्वान करें। इस दौरान जबरदस्ती बंद नहीं कराया जाए और हिंसा किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

डीजीपी अशोक कुमार सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी 13 जनपद प्रभारियों से मुखातिब हुए। उन्होंने निर्देश दिए कि जिलों को जोन व सेक्टर में बांटकर संबंधित मजिस्ट्रेट की तैनाती भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने इंटेलीजेंस और एलआईयू को भी सतर्क दृष्टि बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।

डीजीपी ने कहा कि सभी जिलों में सोशल मीडियो मॉनिटरिंग सेल के जरिये हर गतिविधि पर नजर रखी जाए। अफवाह फैलाने वालों और झूठे मैसेज करने वालों को चिह्नित किया जाए। इसके बाद उनके खिलाफ नियमों के तहत कानूनी कार्रवाई की जाए।
इस मीटिंग के माध्यम से डीजीपी ने अन्य दिशा निर्देश भी दिए। इनमें अपराधियों के विरुद्ध शुरू हुए अभियान को तेजी से चलाने को कहा गया। उन्होंने इनामी बदमाशों की गिरफ्तारी युद्धस्तर पर करने को कहा। कांफ्रेंसिंग में डीजी वी मुरुगेशन, आईजी लॉ एंड ऑर्डर एपी अंशुमान, निदेशक यातायात केवल खुराना, एसटीएफ डीआईजी रिदिम अग्रवाल, डीआईजी नीलेश आनंद भरणे आदि अधिकारी शामिल रहे।

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