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यूपी में आपराधिक इतिहास वाले मीडिया प्रतिनिधियों की निरस्त होगी सरकारी मान्यता – आरटीआई खुलासा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश का सूचना विभाग मीडिया प्रतिनिधियों को विभिन्न प्रकार की मान्यताएं देता है जिनके साथ अनेकों नि:शुल्क व सशुल्क सरकारी लाभ भी दिए जाते हैं। इन लाभों में सरकारी आवास आबंटन, रियायती दर पर यात्रा, रिवाल्विंग फण्ड के माध्यम से एस.जी.पी.जी.आई. लखनऊ में नि:शुल्क इलाज़ समेत अनेकों लाभ शामिल हैं। सूचना विभाग द्वारा दी जाने वाली मान्यताओं की श्रेणियों में राज्य मुख्यालय मान्यता, स्वतंत्र पत्रकार मान्यता, वरिष्ठ पत्रकार मान्यता के साथ-साथ मंडल,जिला और तहसील स्तर पर मान्यताएं दी जाती हैं।

इन मान्यताओं को दिए जाने के लिए कड़े नियम कानून भी बने हैं फिर भी यदि आपराधिक इतिहास वाला कोई मीडिया प्रतिनिधि कभी किसी भी प्रकार की मान्यता येन-केन-प्रकारेण प्राप्त कर लेता है तो आपराधिक इतिहास वाले ऐसे मान्यता प्राप्त मीडिया प्रतिनिधि की मान्यता आसानी से निरस्त कराई जा सकती है। इस बात का खुलासा राजधानी लखनऊ निवासी इंजीनियर संजय शर्मा द्वारा बीती 17 मई को यूपी के सूचना व जनसंपर्क निदेशालय में दायर की गई एक आरटीआई पर निदेशालय के उप निदेशक और जन सूचना अधिकारी दिनेश कुमार सहगल द्वारा बीती 7 जून को दिए गए उत्तर से हुआ है।

संजय ने यह जानना चाहा था कि आपराधिक इतिहास वाले व्यक्तियों को सूचना विभाग से मीडिया प्रतिनिधि की किसी भी प्रकार की मान्यता प्राप्त करने से रोकने के लिए कौन से नियम प्रचलित हैं। इस पर सहगल ने संजय को लिखकर दिया है कि आपराधिक इतिहास वाले मान्यता प्राप्त मीडिया प्रतिनिधियों के सम्बन्ध में आवश्यक अभिलेख व साक्ष्य प्राप्त होने की दशा में सम्बंधित मीडिया प्रतिनिधि की मान्यता निरस्त कर दी जाती है।

संजय ने बताया कि उनको मोबाइल हेल्पलाइन नंबर 7991479999  पर सूचनाएं प्राप्त हुई हैं कि कतिपय मीडिया प्रतिनिधियों ने कतिपय गोलमाल करते हुए आपराधिक इतिहास होते हुए भी मान्यतायें प्राप्त कर रखी हैं। अत:  पत्रकारिता में शुचिता के उच्च मानदंडों को बनाए रखने के मद्देनजऱ वे सूबे के मुखिया को पत्र लिखकर उनसे आग्रह करेंगे कि वे गृह विभाग को निर्देशित करके राज्य मुख्यालय पर मान्यता प्राप्त 887 मीडिया प्रतिनिधियों, स्वतंत्र पत्रकार मान्यता प्राप्त 114 मीडिया प्रतिनिधियों, वरिष्ठ पत्रकार मान्यता प्राप्त 71 मीडिया प्रतिनिधियों व जनपद स्तर पर मान्यता प्राप्त 3389 मीडिया प्रतिनिधियों के आपराधिक इतिहास के सम्बन्ध में गहनता से जांच कराकर जांच के परिणाम के आधार पर सूचना विभाग के नियमों के तहत अग्रेतर कार्यवाही अवश्य करायेंगे।

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