उत्तराखंड

क्‍या तीरथ स‍िंह रावत के ल‍िए कोई कांग्रेस व‍िधायक करेगा सीट खाली? ऐसा हुआ तो उत्‍तराखंड के इत‍िहास में होगी तीसरी राजनीति घटना

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उत्तराखंड में सल्ट विधानसभा के उपचुनाव की गहमागहमी शुरू हो गई है.

उत्तराखंड में सल्ट विधानसभा के उपचुनाव की गहमागहमी शुरू हो गई है.


Uttarakhand News: मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के लिए यदि किसी कांग्रेस विधायक से सीट छुड़वाने में बीजेपी सफल रही तो उत्तराखंड के इतिहास में ऐसा तीसरी राजनीत‍िक घटना होगी. इससे पहले रिटायर्ड मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूरी को मुख्‍यमंत्री बनाने के ल‍िए कांग्रेस व‍िधायक और कांग्रेस सरकार में विजय बहुगुणा मुख्यमंत्री के मुख्‍यमंत्री बनाने के ल‍िए बीजेपी व‍िधायक ने सीट खाली की थी.

उत्तराखंड में सल्ट विधानसभा के उपचुनाव की गहमागहमी शुरू हो गई है. सल्ट भेजा गया बीजेपी का तीन सदस्य पैनल पार्टी की राज्य चुनाव संचालन समिति को शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा. शनिवार को बीजेपी ने पार्टी कोर ग्रुप की मीटिंग बुलाई है. मीटिंग में पैनल द्वारा सल्ट विधानसभा उपचुनाव के लिए सुझाए गए प्रत्याशियों के नाम पर चर्चा होगी और किसी एक नाम पर सहमति के बाद इसे हरी झंडी के लिए केंद्रीय नेतृत्व को भेज दिया जाएगा.

यानी कि शनिवार शाम तक या फिर रविवार को बीजेपी सल्ट विधानसभा उपचुनाव के लिए अपने कैंडिडेट का नाम घोषित कर देगी. सल्ट उपचुनाव के लिए 23 मार्च से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. बहुत संभव है कि बीजेपी के कैंडिडेट का नाम घोषित होते ही कांग्रेस भी अपने कैंडिडेट की घोषणा कर दे.

इधर, सल्ट उपचुनाव के साथ ही बीजेपी में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत किस विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. इस पर भी मंथन शुरू हो गया है. पिछले दिनों बीजेपी के बद्रीनाथ से विधायक महेंद्र भट ने बयान दिया था कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के लिए कांग्रेस का कोई विधायक भी सीट छोड़ सकता है. इसके अलावा कोटद्वार से विधायक और कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने भी मुख्यमंत्री के लिए सीट छोड़ने की इच्छा जताई है. बतौर हरक सिंह वह अब लोकसभा में जाना चाहते हैं. मंत्री हरक सिंह रावत का कहना है कि वह अपनी इच्छा से पार्टी के प्रदेश नेतृत्व के साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी अवगत करा चुके हैं.

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का कहना है कि सीएम के चुनाव लड़ने को लेकर इन दोनों विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है. यानी कि बीजेपी किसी कांग्रेस विधायक से भी सीएम के लिए सीट खाली करवा सकती है. इस बयान के बाद कांग्रेस में आक्रोश है. कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी सरकार इन 4 सालों में पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है और अब उसका ये बयान साबित करता है कि उसके विधायक भी किसी काम के नहीं है. इसलिए बीजेपी की अब कांग्रेस पर नजर है.कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आरती रतूड़ी का कहना है कि बीजेपी ने तो कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दिया था, लेकिन बीजेपी अब कांग्रेस युक्त हो गई है. आरपी रतूड़ी का कहना है कि कांग्रेस का कोई भी विधायक अपनी सीट नहीं छोड़ने वाला.

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के लिए यदि किसी कांग्रेस विधायक से सीट छुड़वाने में बीजेपी सफल रही तो उत्तराखंड के इतिहास में ऐसा तीसरी बार होगा. इससे पहले साल 2007 में जब बीजेपी की सरकार बनी और रिटायर्ड मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूरी को सीएम बनाया गया. तब पहली बार धुमाकोट से कांग्रेस विधायक लेफ्टिनेंट जनरल टीपीएस रावत ने भुवन चंद खंडूरी के लिए अपनी सीट छोड़ दी थी. 2012 में भी यही इतिहास दोहराया गया. तब कांग्रेस सरकार में विजय बहुगुणा मुख्यमंत्री बने, तो सितारगंज से बीजेपी विधायक किरण मंडल ने बहुगुणा के लिए अपनी सीट छोड़ दी थी.






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