उत्तराखंड

विरोध: गैरसैण में प्रदर्शनकारियों पर हुए लाठीचार्ज का मामला विधानसभा में उठा, कांग्रेस ने किया वॉकआउट

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गैरसैण में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के विरोध में प्रदर्शन करते कांग्रेस के विधायक.

गैरसैण में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के विरोध में प्रदर्शन करते कांग्रेस के विधायक.

गैरसैण में प्रदर्शनकारियों पर हुए लाठीचार्ज (Lathicharge) की गूंज मंगलवार को विधानसभा (Assembly) में गूंजी. कांग्रेस (Congress) ने सदन में इसका विरोध किया और सदन वॉकआउट किया. इसके बाद कांग्रेस के विधायक सदन के बाहर धरने पर बैठ गए.

देहरादून. गैरसैण में प्रदर्शनकारियों पर सोमवार को हुई लाठीचार्ज (Lathicharge) की गूंज मंगलवार को विधानसभा (Assembly) में गूंजी. कांग्रेस (Congress) के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने इसे शर्मनाक करार दिया. उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों से बातचीत करने के बजाए सरकार ने पुलिस से आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज कराया और पानी की बौछार कराई.

विपक्ष ने कहा कि सरकार इस्तीफा दे और पीड़ित लोगों से माफी मांगे. सत्ता पक्ष की ओर से संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने मोर्चा तो संभाला. लेकिन आंदोलनकारियों द्वारा पुलिस पर कांच की बोतलें फेंकने की उनकी बात ने विपक्ष को नया हथियार दे दिया. विपक्ष के सारे विधायकों ने वेल पर आकर नारेबाजी शुरू कर दी. इस दौरान मार्शलों से धक्का-मुक्की भी हुई. स्पीकर के समझाने पर विपक्षी सदस्य नहीं माने. उन्होंने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री सीधी-साधी ग्रामीण महिलाओं पर पुलिस पर कांच की बोतल फेंकने का झूठा आरोप लगा रहे हैं.

हंगामे के बीच मदन कौशिक ने अपनी बात रखनी शुरू की तो नाराज विपक्ष ने नारेबाजी के साथ सदन से वॉकआऊट कर दिया और विधानसभा के गेट पर धरने पर बैठ गया. उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा ने कहा कि सरकार एक ओर मजिस्ट्रेट जांच बैठाने की बात कर रही है, वहीं दूसरी ओर आंदोलनकारियों को आंदोलन जीवी भी कह रही है. दूसरी ओर संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने कहा कि विपक्ष सदन को चलने नहीं देना चाहता इसलिए बार-बार व्यवधान उत्पन्न कर रहा है.

गैरसैण में हुए लाठीचार्ज पर गरमाई सियासत, CM रावत बोले- पेशेवर आंदोलनजीवियों के बहकावे में न आएंकौशिक ने कहा कि आंदोलनकारियों द्वारा कांच की बोतल फेंके जाने का जिक्र उनके मन की बात नहीं है. यह गृह विभाग की रिपोर्ट में है. उन्होंने कहा कि घाट की सड़क का चौड़ीकरण कर उसे डेडलाइन सड़क में कन्वर्ट नहीं किया जा सकता, क्योंकि लोक निर्माण विभाग की रिपोर्ट में है कि ये सड़क उन मानकों को पूरा नहीं करती जो जरूरी हैं. कौशिक ने कहा कि सीएम पूरी घटना पर मजिस्ट्रे जांच के आदेश कर चुके हैं, जो भी दोषी होगा उस पर एक्शन लिया जाएगा.

बहरहाल, देखना होगा कि सरकार अब बीच का क्या रास्ता निकालती है. अगर घाट क्षेत्र के लिए जाने वाली 19 किलोमीटर से सड़क डेढ़लाइन में कन्वर्ट किए जाने के मानक पूरा नहीं करती तो क्या ये मान लिया जाए कि सड़क का चौड़ीकरण नहीं होगा और यदि होगा तो वो कौन सा विकल्प होगा.






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