उत्तराखंड

सल्ट उपचुनाव: जानिए कौन हैं महेश जीना जिन पर दांव लगा सकती है BJP

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सल्ट सीट के उपचुनाव में बीजेपी की ओर से टिकट के दावेदारों में महेश जीना का नाम सबसे आगे है.

सल्ट सीट के उपचुनाव में बीजेपी की ओर से टिकट के दावेदारों में महेश जीना का नाम सबसे आगे है.

Salt Assembly bypoll: सल्ट विधानसभा के लिए होने जा रहे उपचुनाव में बीजेपी महेश जीना को अपना प्रत्याशी बना सकती है. टिकट के दावेदारों में उनका नाम सबसे आगे बताया जा रहा है. हालांकि हाईकमान की ओर से उनके नाम पर अंतिम मुहर लगना बाकी है.

देहरादून. स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह जीना के निधन के बाद खाली हुई सल्ट विधानसभा सीट के लिए 17 अप्रैल को वोटिंग होनी है. बीजेपी सुरेंद्र सिंह जीना के बड़े भाई महेश जीना को सल्ट से अपना प्रत्याशी बना सकती है. सूत्रों के मुताबिक, सल्ट से बीजेपी की ओर से टिकट के दावेदारों में महेश जीना का नाम सबसे आगे है. वह अपने छोटे भाई सुरेंद्र सिंह जीना के चुनावों में उनका मैनेजमेंट संभालते रहे हैं. सुरेंद्र जीना के 2005 के भिकियासैंण विधानसभा का चुनाव हो, या 2012 और 2017 का सल्ट विधानसभा चुनाव हो, उन्होंने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई. अपने भाई की असामयमिक मृत्यु के बाद उन्होंने सल्ट विधानसभा उपचुनाव के लिए खुद को प्रत्याशी बनाने की मांग पार्टी से की है. हालांकि, हाईकमान की ओर से उनके नाम पर अंतिम मुहर लगना बाकी है.

महेश जीना ने कहा, “मेरा लक्ष्य अपने भाई के अधूरे कामों को पूरा करना है. सल्ट क्षेत्र की जनता की सेवा करने के लिए राजनीति में आ रहा हूं.” बीजेपी को भीलग रहा है कि स्वर्गीय जीना की बेदाग और जनता के बीच अच्छी छवि का फायदा उनके भाई को सिमपेथी वोट के रूप में मिल सकता है.

सल्ट विधानसभा में अभी तक दो बार कांग्रेस के रणजीत रावत और दो बार बीजेपी के सुरेंद्र जीना विजयी हुए. इस सीट पर कांग्रेस की हार का सिलसिला 2012 के परिसीमन के बाद शुरू हुआ, जब भिकियासैंण सीट का विलय सल्ट सीट में हो गया. सल्ट का कुछ क्षेत्र रानीखेत विधानसभा में मिला दिया गया. हालांकि 2017 की मोदी लहर के बीच भी कांग्रेस प्रत्याशी गंगा पंचौली बहुत कम अंतर से यह चुनाव हारी थीं. इस बार का यह उपचुनाव बीजेपी के नए बने प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के साथ ही नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के लिए भी अग्नि परीक्षा का है. यदि यह उपचुनाव में कांग्रेस जीत हासिल करती है तो 2022 में उनके लिए संजीवनी का काम करेगा. बीजेपी की मुश्किल भी थोड़ा सा बढ़ गई है. चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री तीरथ कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं.

यह उपचुनाव कांग्रेस के लिए भी महत्वपूर्ण है. कांग्रेस भी अभी कोई उम्मीदवार घोषित नहीं कर पाई है. कद्दावर नेता हरीश रावत जहां गंगा पंचौली को प्रत्याशी देखना चाह रहे हैं, वहीं सल्ट के पूर्व विधायक रणजीत रावत इस सीट पर अपने बेटे विक्रम रावत को चुनाव लड़ाना चाह रहे हैं. कभी बहुत घनिष्ट रहे पूर्व सीएम हरीश रावत और रणजीत रावत के बीच अब गहरी खाई हो चली है. ऐसे में इस सीट में कांग्रेस फिर गुटबाजी का शिकार भी हो सकती है.






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