Chief Minister Shri Pushkar Singh Dhami, after visiting the disaster affected areas of Uttarkashi district
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 के कारण विभिन्न पर्यटक गतिविधियों एवं चारधाम यात्रा की व्यवस्था में कार्यरत व्यक्तियों एवं उनके व्यवसाय पर सर्वाधिक प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। वर्तमान में चारधाम की यात्रा एवं अन्य पर्यटक स्थलों के बन्द होने की वजह से होटल व्यवसाय, परिवहन व्यवसाय पोटर एवं अन्य गतिविधियाँ लगभग ठप्प हैं। विषम आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद राज्य सरकार ऐसे क्षेत्रों में कार्यरत / व्यवसायरत् व्यक्तियों के बैंक खाते में सीधे धनराशि हस्तान्तरित करेगी। इसके अतिरिक्त विभिन्न व्यवसायिक गतिविधियों हेतु लाईसेंस शुल्क आदि पर भी छूट प्रदान की जायेगी। इससे लगभग 01 लाख 64 हजार लाभार्थी / परिवार लाभान्वित होंगे। इसके लिए लगभग 200 करोड़ की व्यवस्था की गई हैं। इस पैकेज से पर्यटन क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों को मदद मिलेगी एवं राज्य की आर्थिकी में भी तेजी आयेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस राहत एवं सहायता के अंतर्गत पर्यटन विभाग एवं अन्य विभागों में पंजीकृत पर्यटन व्यवसाय की विविध गतिविधियों के संचालन में संलग्न व्यक्तियों को रू0 2000 प्रतिमाह की दर से 06 माह तक आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी, जिसके तहत 50,000 लाभार्थी लाभान्वित होंगे। उत्तराखण्ड पर्यटन यात्रा व्यवसाय नियमावली के अन्तर्गत पंजीकृत टुअर ऑपरेटरों एवं एडवेंचर टुअर ऑपरेटरों को रू० 10,000 की दर से आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जायेगी, जिससे 655 लाभार्थियों को इसका लाभ प्राप्त होगा। कुल पंजीकृत 630 रीवर गाईडस को रूपये 10,000 की दर से आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जायेगी।
टिहरी झील के अन्तर्गत पंजीकृत कुल 93 बोट संचालकों को रूपये 10,000 की दर से आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जायेगी। पर्यटन विभाग में पंजीकृत और लाईसेंस नवीनीकरण शुल्क से छूट प्रदान की जायेगी, जिसमें 600 लाभार्थी लाभान्वित होंगे। कुल 301 पंजीकृत राफ्टिंग एवं एयरों स्पोर्टस सेवा प्रदाताओं को लाईसेंस नवीनीकरण शुल्क में छूट दी जाएगी।
टिहरी झील के अन्तर्गत कुल 98 बोट संचालकों को नवीनीकरण में वित्तीय वर्ष 2021-22 हेतु नवीनीकरण शुल्क से छूट प्रदान की जायेगी। परिवहन विभाग के अन्तर्गत सार्वजनिक सेवायानों के चालक / परिचालक / क्लीनर को रू० 2000 की मासिक दर से कुल 06 माह आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी। इससे 103235 लाभार्थियों को योजना का लाभ प्राप्त होगा।
शहरी विभाग के अन्तर्गत नैनीताल जनपद के अन्तर्गत नैनी, नौकुचियाताल, भीमताल, सातताल एवं सडियाताल में पंजीकृत कुल 549 बोट संचालकों को रू० 10,000.00 की दर से आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी। शहरी विभाग के अन्तर्गत नैनीताल जनपद में नैनी झील के अन्तर्गत बोट नवीनीकरण शुल्क में 671 लाभार्थियों हेतु वित्तीय वर्ष 2021-22 में छूट प्रदान की जायेगी।
सांस्कृतिक दलों का रूपये 2000 प्रतिमाह की प्रोत्साहन धनराशि 05 माह तक दी जायेगी। इससे 6500 लाभार्थियों को लाभ मिलेगा। वन विभाग के अन्तर्गत ट्रैकिंग एवं पीक फीस पर छूट प्रदान की जायेगी। नैनीताल जनपद के अन्तर्गत नौकुचियाताल, भीमताल, सातताल एवं सडियाताल के अन्तर्गत बोट नवीनीकरण हेतु कुल 329 लाभार्थियों को शुल्क में वित्तीय वर्ष 2021-22 हेतु छूट प्रदान की जायेगी। वित्त विभाग के अन्तर्गत वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली एवं दीनदयाल उपाध्याय होमस्टे योजना हेतु ऋण पर 06 माह के लिये ब्याज प्रतिपूर्ति सहायता प्रदान की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम् बोर्ड अधिनियम 15 जून, 2020 के गैजेट में अधिसूचित होने पर अस्तित्व में आया है। अधिनियम के अंतर्गत रावल, पंडे, पुजारी, हक-हकूकधारी, स्थानीय हितधारकों के पारंपरिक, धार्मिक एवं आर्थिक अधिकारों को सुरक्षित रखने की बात रहने के बावजूद भी इन पवित्र धामों के कतिपय हितधारकों के मन में संशय एवं अनिश्चितता प्रतीत होती है।
उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा उत्तराखण्ड राज्य के लिए आर्थिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण है एवं उससे राज्य के सभी वर्गों का हित व विकास जुड़ा है। उनका मानना है कि इस आर्थिक गतिविधि को नए आयाम देते हुए स्थानीय उद्देश्य व्यवसायियों एवं हक-हकूकधारियों के हकों को प्रतिकूल प्रभाव ना पढ़ने देने के उद्देश्य से कोई भी नई व्यवस्था को खरा उतरना होगा। अतः सर्व हितधारकों से प्रभावी विचार-विमर्श के उपरान्त राज्य सरकार सकारात्मक परिवर्तन/संशोधन करने के पक्ष में है। अतः इस अधिनियम से हुई व्यवस्था परिवर्तन से हितधारकों पर हुए परिणामों का आंकलन करने और व्यवस्था विचलन के विधिक परिणामों के आकलन हेतु एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जा रहा है। समिति की संस्तुति के आधार पर चारधाम देवस्थानम् बोर्ड की व्यवस्था के संदर्भ में अग्रिम निर्णय लिया जायेगा।