उत्तराखंडमनोरंजन

नेगी दा और भरतवाण ने किया थोकदार फ़िल्म का पोस्टर रिलीज

दिगम्बर प्रोडक्शन की पहली फ़िल्म के गाने को किया गया पसंद

देहरादून। दिगम्बर प्रोडक्शन के बैनर तले बनी पहली फ़िल्म थोकदार का मंगलवार को ट्रेलर, पोस्टर और एक गाना लांच किया गया। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि गढ़-रत्न नरेंद्र सिंह नेगी, विशिष्ट अतिथि पद्मश्री प्रीतम भरतवाण ने इस पहल की सराहना की।

मंगलवार को हरिद्वार रोड स्थित संस्कृति भवन के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में दिगम्बर प्रोडक्शन की ओनर और फ़िल्म की प्रोड्यूसर ममता रावत ने बताया कि इस फ़िल्म में उन्होंने एक भजन भी गाया है। उन्होंने कहा कि बेहद मेहनत के बाद ये रीजनल फ़िल्म तैयार हुई है। सफर अभी शुरू हुआ है, जो बहुत आगे जाना है। फ़िल्म की प्रोड्यूसर सुशीला रावत ने बताया कि उनके पति दिगम्बर सिंह रावत (अमर सिंह रावत) को संस्कृति से विशेष प्यार रहा है। वह मूलरूप से पौड़ी के बेंगवाड़ी गांव के थे तो उनकी याद में ये प्रोडक्शन हाउस बनाया गया। फ़िल्म के डायरेक्टर देबू रावत ने कहा कि लोगों का प्यार इस फ़िल्म को मिलेगा तो आगे और भी बेहतर कार्य किए जाएंगे। इस मौके पर उत्तराखंड प्यारों गाना रिलीज हुआ,जिसको सबने पसन्द भी किया।

वहीं मुख्य अतिथि नरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि अपनों की सोच को आगे बढ़ाने की ये पहल सराहनीय है। कहा कि अपनी संस्कृति से हमेशा जुड़े रहना बेहद ही खास एहसास दिलाता है। विशिष्ट अतिथि प्रीतम भरतवाण ने कहा कि अपनी रीजनल बोली-भाषा को बढ़ावा देने का ये प्रयास तारीफ के काबिल है। हम सभी को अपनी जड़ों से जुड़े रहना चाहिए। इस मौके पर उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर पीपी ध्यानी, ऊषा नेगी, भाजपा के वरिष्ठ नेता बीरेंद्र रावत और जगमोहन रौथाण, ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के जीएम दुष्यंत कुमार, ब्रिगेडियर विभोर शर्मा, मॉडल अनुकृति गुसाईं, कर्नल रोहित श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे। वहीं ओहो रेडियों थोकदार फ़िल्म रेडियों पार्टनर है।

इनकी रही अहम भूमिका
राजेश मालगुडी, रणवीर चौहान, पन्नू गुसाईं, शिवानी भंडारी, रोशन उपाध्याय, सुषमा ब्यास, इंदु भट्ट, राजेश, नवल सेमवाल, राजेन्द्र रावत, प्रदीप नैथानी, विकास कोटनाला, राजू नेगी, विनय चानना, अजय भारती, मनोहर सती, सोहन उनियाल, पुरशोरम जेठुरी आदि।

मिसेज इंडिया 2021 की पहली रनरअप हैं ममता
हॉटमांड मिसेज इंडिया-2021 की पहली रनरअप रही ममता रावत ने बताया कि वे अपनी जड़ो से जुड़ी रहना चाहती हैं। यही वजह है कि वह अब अपनी संस्कृति के लिए काम कर रही हैं। बताया कि वह बालिका शिक्षा,वंचित वर्ग के लिए शिक्षा को लेकर भी कार्य कर रही हैं।शिक्षा और अनुसंधान के फील्ड में उन्होंने एक दशक तक काम किया है। अब अपनी इस पहली गढ़वाली फ़िल्म से उनको बेहद उम्मीदें हैं।

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