अंतर्राष्ट्रीय

उत्तराखंडः ऑनलाइन क्लास के नाम पर टयूशन फीस के विरोध में वर्चुअल बंद

NAPSR ने कहा कि केंद्र, राज्य सरकारें जल्द ही सही फ़ैसला नहीं लेती हैं तो अभिभावक सड़कों पर एक्चुल भारत बंद करेंगे।

नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR) ने सोमवार को वर्चुअल भारत बन्द किया गया।

देहरादून। उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के यह साफ़ करने के बाद कि अभिभावकों को, ट्यूशन फ़ीस तो देनी ही होगी, अभिभावक एक बार फिर आंदोलन की राह की राह पर हैं। नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR) ने सोमवार को वर्चुअल भारत बन्द किया गया। इसमें अभिभावकों ने स्वेच्छा से अपने प्रतिष्ठान, काम बंद किए और करके अपनी मांग लिखे पोस्टर हाथ मे लेकर फोटो खींचकर पीएमओ, केंद्रीय शिक्षा मंत्री के साथ ही राज्यों के सीएमओ, शिक्षामंत्री को ट्वीट और मेल किया।

NAPSR ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, शिक्षामंत्रियों को ज्ञापन भेजा है। इसमें कहा गया है कि अगर सरकार जल्द ही पेरेंट्स के हित में कुछ अच्छा, निर्णायक फ़ैसला नहीं लेती हैं तो जो अभिभावक आज वर्चुअल भारत बंद कर रहे हैं वही कल सड़कों पर उतर कर एक्चुल भारत बंद करने को बाध्य होंगे।

एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान के अनुसार कोरोना काल के दौरान लोगों की आर्थिक स्थिति खराब हो हुई। लाखें लोगों की नौकरियां चली गई हैं या काम-धंधे चौपट हो गए हैं। लेकिन निजी स्कूलों की फीस की मांग बढ़ती जा रही है। फ़ीस जमा न करने पर स्कूल बच्चों को न सिर्फ ऑनलाइन क्लास से टर्मिनेट कर रहे हैं बल्कि बच्चों का नाम भी स्कूलों से काटा जा रहा है।

इसके विरोध मे अब देश के 28 राज्यों के अभिभावक एकजुट हो गए हैं। आरिफ़ के अनुसार लगातार गूगल मीट के ज़रिए चर्चा करने के बाद यह फैसला गया कि स्वैछिक वर्चुअल भारत बन्द किया जाएगा जिसमें आज सभी राज्यों के अभिभावकों ने सुबह 11  बजे हैशटैग के साथ अपने अपने राज्यों से शिक्षा के लिए उठने वाली मांग और भारत बंद को सोशल मीडिया पर डालकर सरकार को अभिभावकों का दर्द दिखाने का प्रयास किया।

पेरेंट्स एसोसिएशन की मागें हैं।।। हाफ़ स्कूल, हाफ़ फीस। नो वैक्सीन, नो स्कूल फीस और व्हाट्सऐप से चलने वाली ऑनलाइन क्लॉस बन्द हों। शिक्षा नियामक आयोग का गठन कर फीस एक्ट शीघ्र बनाया जाए। फ़ीस जमा न होने पर किसी भी छात्र को शिक्षा से वंचित करने वाले स्कूलों के खिलाफ RTE एक्ट मे FIR दर्ज हो। सभी स्कूलों में NCERT का सिलेबस सख्ती से लागू किया जाए।

उत्तराखंड मे इस वर्चुअल बन्द का खासा असर देखने को मिला। इसमे न सिर्फ नौकरीपेशा, व्यवसायी बल्कि वकील और ऑटो चलाने वाले अभिभावक भी शामिल हुए। देहरादून के अलावा रुद्रपुर, विकासनगर, नैनीताल चमोली से भी इस वर्चुअल बंद को समर्थन मिला।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *