उत्तराखंड

कन्सेरु गांव के दिनेश सिंह राणा व उनकी पत्नी ने मशरूम की खेती कर मिसाल की कायम! बनें आत्मनिर्भर

उत्तरकाशी से अनिल रावत की रिपोर्ट: कहते हैं ना कि अगर आदमी के अंदर जुनून के साथ परिश्रम और लगन हो तो वह किसी भी क्षेत्र में अपनी सफलता का द्वार जरूर खोल देते हैं। जी हां बढ़ती कोरोना काल में बेरोजगारी और रोजगार की समस्या के बीच ही युवाओं में किसानी का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है और कई युवा किसानी के क्षेत्र में किसानों की नई इबारत लिखने को तैयार दिख रहे हैं।
एक ऐसी ही नई इबारत लिखी है उत्तरकाशी के विकास खंड नौगांव के कन्सेरु गांव के दिनेश सिंह राणा व् उनकी पत्नी मंगली देई की जिन्होंने इस कोरोना काल में भी मिसाल कायम की है।
मूल रूप से बड़कोट के कन्सेरु गाँव के रहने वाले दिनेश सिंह राणा व् उनकी पत्नी जिसका जीता जगाता उदाहरण इन्होने पेश किया।
खबर इंडिया के संवाददाता अनिल रावत ने गांव में जाकर इन से मुलाकात की तो वहीँ उन्होंने बताया की इस मशरूम खेती के काम में उनकी पत्नी मंगली देई का बहुत बड़ा योगदान रहा है। आपको बता दें कि जिला उत्तरकाशी के विकास खण्ड नौगॉव के कन्सेरु गाँव के दिनेश सिंह राणा व उनकी पत्नी मंगली देई ने घर में कई तरह के फूल,व मशरूम सब्जी उगाई। इतना ही नहीं उन्होंने इस कोरोना काल में इस प्रकार का काम कर आर्थिक स्थिति को और मज़बूत कर लिया है।
बावजूद इसके उन्होंने आत्मनिर्भर बनने को लेकर एक नई पहल की है। जोकि अपने आप में सराहनीय कार्य है। इनके इस प्रकार के कार्य से लोगों को जैसे घर में फूल भी उगाए। आपको बता दें की मसरूम को बाजार में ले जाकर इन्होने अच्छा कार्य किया है। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि इन दिनों शादीयो में व अन्य समाहरो में बड़ी डिमांड की आवशयकता होती है। तो जनता को भी घर पर ही मसरूम खरीदने में ख़ुशी महसूस होगी। इतना ही नहीं उन्होंने अपने घर में कई तरह के फूल, फल व मसरूम जैसी सब्जी उगा कर बाजारों में लाकर अच्छी सी आमदानी पाकर परिवार को आत्मनिर्भर बनाया।

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